बिहार पुलिस के जवान ने निर्भयाकांड पर लिखी किताब
यह किताब देश के उन सभी बेटियों को समर्पित है जो प्रताड़ित या दुष्कर्म की शिकार होकर मौत के मुंह में समा चुकी है।
पटना। पुलिस की हकीकत किसी से छुपी नहीं है। पिछले कई सालों में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें पुलिस अपराधी की गठजोड़ की बात खुलकर सामने आई थी और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई । फिर भी पुलिस का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल उभर कर सामने आ जाते हैं। पर आज हम आपको बिहार के एक ऐसे पुलिस जवान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि ऐसा भी पुलिसवाला होता है क्या।
मनोज का कहना है कि हम लोगों में प्रशासनिक व्यवस्था की झूठी प्रतिष्ठा बचाने के लिए बेटी की प्रकृति उसके नाम व परिवार को अस्तित्वहीन कर दिया है। तो मनोज का मानना है कि इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कलम के सिवाय और कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। दहेज हत्या, भ्रूण हत्या और बलात्कार जैसे मामले अक्सर कानून की पेचिदगियों में उलझकर रह जाती है। और बेटी के पिता इस मामले में कुछ भी नहीं कर पाते हैं और इस हालत में अपने आप को अपराधी मान लेते हैं। ये भी पढ़ें:हाई स्कूल के बच्चों ने JIO सिम से बना दिया डिजिटल लॉक, देखकर मुकेश अंबानी भी रह जाएंगे हैरान
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English summary
Bihar police jawan wrote book for her daughter
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