बिहार: नए शराबबंदी कानून पर आरटीआई, सुप्रीम कोर्ट पहुंची नीतीश सरकार
नई दिल्ली। बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
शराबबंदी
कानून
को
लेकर
सुप्रीम
पहुंची
बिहार
सरकार
पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ नीतीश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में 7 अक्टूबर को सुनवाई होगी। पटना हाईकोर्ट ने 30 सितंबर को अहम फैसले में इसे असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करने का फैसला सुनाया था।
#FLASH: Bihar Govt moves Supreme Court against Patna HC's order on Liquor Ban in Bihar, matter to be heard on October 7th
— ANI (@ANI_news) October 3, 2016
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इस बीच दो अक्टूबर को बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने नया शराबबंदी कानून लागू कर दिया। हालांकि नए शराबबंदी कानून के खिलाफ भी विरोध की आवाज बुलंद हुई है।
पटना हाईकोर्ट में नए शराबबंदी कानून को चुनौती दी गई है। इस मामले में पटना विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर ने एक आरटीआई भी दायर की है।
New liquor policy of Bihar Government challenged in High Court; former professor of Patna University has filed an RTI.
— ANI (@ANI_news) October 3, 2016
30
सितंबर
को
पटना
हाईकोर्ट
ने
रद्द
किया
था
कानून
बता दें कि 20 सितंबर को सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था।
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इस कानून के तहत किसी के भी घर में शराब मिलने पर पूरे परिवार को जेल भेजने का नियम था जिस पर हाईकोर्ट ने एतराज जताया था।
पटना हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार ने इस कानून से संबंधित जो नोटिफिकेशन जारी किया वो संविधान के दायरे में नहीं आता। इसे जबरन लागू नहीं किया जा सकता।
बिहार
सरकार
के
शराबबंदी
कानून
में
क्या
है?
बिहार सरकार के शराबबंदी कानून के तहत अगर कोई दोषी पाया जाता तो उस पर उम्रकैद या फिर 10 लाख के जुर्माने या फिर दोनों का प्रावधान था।
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बिहार सरकार का शराबबंदी कानून सरकार ने 5 अप्रैल को लागू किया था। इसमें नीतीश सरकार ने देसी शराब के बनाने से लेकर उसके बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी।
शुरु में ये केवल देसी शराब पर रोक थी जिसे बाद में सभी प्रकार की शराब की बिक्री पर लगा दिया गया। 5 अप्रैल को नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी थी।