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PICs: मुश्किलों में गुजर रही यहां जिंदगी...भूख से चीख रहे मासूम, नेश्नल हाई-वे बना श्मशान

पिछले कई दिनों से बिहार में अचानक आग के कारण कई ऐसे लोगों की मौत हो गई जिन्हें दफनाने के लिए 2 गज जमीन भी नसीब नहीं हुई। हुई भी तो जैसे-तैसे लोग नेश्नल हाईवे पर ही उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं।

By Gaurav Dwivedi
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पटना। बिहार में आई भयंकर बाढ़ के चपेट में फंसे लोगों के सामने कई तरह की मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। एक तरफ भूख मिटाने की चिंता तो दूसरी तरफ लाश का खौफनाक मंजर, लोग दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं। ये नजारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। भयानक बाढ़ से बाहर निकलकर लोग ऊंचे स्थान पर अपना आशियाना बनाए बैठे हैं तो बाढ़ के हिलकोरे से उनके सामने अपने-पराए की लाश चली आती है। जिसे देख कर सभी का मन विचलित हो रहा है।

Bihar Flood devastation, very sad Pictures

उत्तर बिहार के लगभग सभी जिले में यही दुखद नजारा देखने को मिल रहा है। जहां बारिश के कारण गंडक, बूढ़ी गंडक, मसान, पंडई, दोहरम, गांगुली, सिकटा, ओरिया, द्वारदह, हड़बोड़ा, मसान, बलोर और हरपतबेनी नदियां अब लोगों कि लाश उगल रहीं है। अब तक बाढ़ के चपेट में आने से जहां सैकड़ों लोगों की मौत हुई हैं तो दर्जनों लापता हैं। बाढ़ पीड़ित लोगों के सामने ये नजारा देख सभी का मन विचलित हो रहा है। सभी सिस्टम को छोड़ इसे दैवीय प्रकोप समझकर पूजा कर रहे हैं।

Bihar Flood devastation, very sad Pictures

मुश्किलों में गुजर रही यहां जिंदगी...

उत्तर बिहार में आई भयानक बाढ़ के चपेट में फंसे लोगों कि जिंदगी काफी मुश्किल में गुजर रही है। एक तरफ पेट की आग बुझाने की चिंता तो दूसरी तरफ विषैले सांप-गोजर की दहशत। इन सभी के बीच जब अपने पराए कि लाश उफान मारती बाढ़ मे बहकर सामने आती है तो वाकई दिल दहल जाता है। तो कुछ इलाके के लोग इसे दैवीय प्रकोप मान ना जाने किसकी पूजा कर रहे हैं और अपने आक्रोश को शांत करने की दुआ कर रहे हैं। खासकर उन लोगों के बीच ज्यादा आतंक देखने को मिल रहा है जहां कुआं चापाकल सभी जलमग्न हो गए हैं और लोगों को पानी पीने की भी काफी दिक्कत आ रही है। लोग किसी तरह ऊंचाई वाले इलाके के सड़कों पर पूरे परिवार के साथ अपना बसेरा जमाए हुए हैं और रात भर जागकर समय काटते हैं। सड़कों पर शरण लिए लोगों का कहना है कि किसी तरह रात भर जाग कर समय काट रहा है। सांप-बिच्छू और खतरनाक जंगली जानवरों का खौफ हमेशा बना रहता है।

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मासूमों की चीख बताती है भूख की आहट...

आप सोच सकते हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां बड़ों को खाने के लिए उचित भोजन नसीब नहीं हो पाता वहां मासूम के लिए दूध कहां से आएगा। कुछ इसी तरह का नजारा हसनगंज प्रखंड से महज चार किलोमीटर दूर महमदिया में देखने को मिला है जहां सरकार के द्वारा बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच भोजन परोसा जा रहा था। लेकिन मासूम को पेट भरने के लिए कुछ भी नहीं दिया जा रहा था। दो-तीन महीने के नवजात बच्चे की मां और पिता का कहना था कि मां के दूध से ही पिछले कई दिनों से बच्चे की भूख मिठाई जा रही है पर उचित व्यवस्था और भोजन नहीं मिलने के कारण अब वो भी जवाब देने लगा है। बच्चे की चिल्लाहट बताती है कि भूख की आहट पर हम सभी इस प्रलयंकारी भयानक बाढ़ के सामने मजबूर हैं। इस जगह काफी संख्या में ऐसे बच्चे-बच्चियां हैं, जिनका जन्म एक से लेकर तीन महीने पहले हुई है।

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सरकारी भोजन बंटने से पहले मच जाती है अफरा-तफरी...

बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच जैसे ही भोजन की खबर आई लोग उसके तरफ दौड़ पड़ते हैं। एक साथ सैकड़ों की संख्या में लोग पेट की आग बुझाने के लिए उस जगह पर टूट पड़ते हैं जहां सरकारी भोजन बंट रहा होता है। जिससे अफरा-तफरी का माहौल कायम हो जाता है, क्या बुढ़ा, बच्चे और जवान सभी भूख मिटाने के लिए मजबूर है। तो बीमारी की वजह से कई ऐसे लोग भी है जिन्हें सरकारी सुविधाओं और उचित दवा भी नसीब नहीं हो रही है। उनकी चीख और कराहने की अवाज अब तक सरकार के कानों में नहीं पहुंची है। बाढ़ पीड़ित कजरी की रहने वाली बीना देवी का हाला कुछ ऐसा ही है, 3 महीने की बच्ची जहां भूख से छटपटा रही है तो पति बीमारी के कारण कराह रहे हैं। वहीं दुलारी देवी का साल भर का बेटा सर्दी खासी से परेशान है तो बुढ़े ससुर बुखार से पीड़ित। पीड़ित का कहना है कि सरकार के द्वारा यहां स्वास्थ्य शिविर नहीं लगने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। नजारा ऐसा है कि अब तक एक भी डॉक्टर हम लोगों की हालात को देखते नहीं पहुंचे हैं।

Bihar Flood devastation, very sad Pictures

बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए नेशनल हाईवे बन गया श्मशान घाट...

पिछले कई दिनों से बिहार में अचानक आग के कारण कई ऐसे लोगों की मौत हो गई जिन्हें दफनाने के लिए 2 गज जमीन भी नसीब नहीं हुई। हुई भी तो जैसे-तैसे लोग उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं। कुछ इसी तरह का नजारा राजधानी पटना और मुजफ्फरपुर को जोड़ने वाली नेशनल हाइवे सड़क NH-57 पर देखने को मिली जहां नेशनल हाईवे के पास ही एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। उस नेशनल हाईवे के एक तरफ लोग अपना आशियाना बनाए हुए हैं और दूसरी तरफ मृत लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है।

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कई दिनों से महिलाएं कर रही है नदी देवी को प्रसन्न करने के लिए पूजा...

बाढ़ की चपेट से मुक्ति मिलने के कारण महिलाएं अब भगवान की शरण में पहुंच रही है और पिछले कई दिनों से पूजा-पाठ कर इस भयंकर तांडव को रोकने की प्रार्थना नदी देवी से कर रही हैं। नजारा बिहार के खगड़िया जिले का है जहां से होकर सात नदियां गुजरती हैं। कोसी और गंडक के जलस्तर में हो रहे लगातार वृद्धि को देख लोग सहम गए हैं। जिससे अलौली प्रखंड के इचारुआ पंचायत के कामाथान में दर्जनों महिलाएं नदी की पूजा अर्चना करते हुए प्रार्थना कर रही है।

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English summary
Bihar Flood devastation, very sad Pictures
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