बिहार में मानवता शर्मसार, हॉस्पिटल के फर्श पर ठंड से ठिठुरकर महिला ने तोड़ा दम
आरा जिले के सदर हॉस्पिटल में जहां बीमारी से लाचार एक महिला इलाज करवाने के लिए पहुंची। लेकिन दर्द से कराहती इस महिला को ना तो किसी डॉक्टर ने इलाज के लिए बुलाया और ना ही उसे भर्ती किया।
आरा। बिहार के सरकारी अस्पताल का हाल हम नहीं बल्कि यह तस्वीर बयां करती है कि सूबे के सरकारी अस्पताल का हाल क्या है? ठंड से ठिठुरती बीमार वृद्ध महिला इलाज के आभाव में सरकारी हॉस्पिटल के फर्श पर ही दम तोड़ देती है। ये मौत उस महिला की नहीं बल्कि बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की इंसानियत की है। अगर आप इस तस्वीर को ज़रा गौर से देखोगे तो इसे देखने के बाद इंसान की इंसानियत जवाब देने लगती है। कड़ाके की ठंड में फर्श पर बीमार महिला ने इलाज न होने के चलते दम तोड़ दिया। ये भी पढ़ें: हरदोई में आशा कर्मचारी ने मानवता को किया शर्मसार, 1400 रुपए के लिए करा दी महिला की नसबंदी
बता दें कि यह हाल बिहार के आरा जिले के सदर हॉस्पिटल का है, जहां बीमारी से लाचार एक महिला इलाज करवाने के लिए पहुंची जो काफी दर्द से कराह रही थी। लेकिन दर्द से कराहती इस वृद्ध महिला को ना तो किसी डॉक्टर ने इलाज के लिए बुलाया और ना ही उसे भर्ती किया। क्योंकि उस महिला के साथ इलाज करवाने के लिए उसके परिजन नहीं आए थे। महिला बार-बार डॉक्टर को इलाज करने के लिए कहती रही लेकिन किसी भी डॉक्टर ने उस महिला की एक न सुनी। दर्द से कराहती महिला फर्श पर ही बैठी डॉक्टर का इंतजार करती रही। लेकिन जब रात हुई तो ठंड से ठिठुर रही ये महिला अस्पताल में मरीज के बेड के नीचे जाकर किसी तरह ठंड से बचने के लिए जाकर सो गई।
नतीजा यह हुआ कि दर्द से कराहती इस महिला ने ठंड से ठिठुरते हुए दम तोड़ दिया। लेकिन अस्पताल के कर्मचारी उसे देखने तक नहीं आए। जब इस बात की जानकारी आस-पास के मरीजों को मिली तो उन्होंने वहां के डॉक्टरों को बताया कि इलाज करवाने आई महिला की मौत हो गई है।
वहीं, महिला की मौत की खबर सुनते ही सभी वहां पहुंचे और औपचारिकता को पूरा करते हुए दिखावे का इलाज करने लगे। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। आसपास के मरीजों का कहना है कि महिला पिछले 2 दिन से इलाज के लिए अस्पताल में भटक रही थी और दर्द से कराह रही थी लेकिन किसी ने ना तो उसका इलाज किया और ना ही उसे बेड दिया। लेकिन, इस मामले में आरा के सिविल सर्जन से बातचीत की गई तो उन्होंने इस मामले पर अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि अगर हर बात की देखरेख हम ही करेंगे तो बाकी के डॉक्टर क्या करेंगे। ये भी पढ़ें: बरेली: प्राइवेट हॉस्पिटल से बेहतर सेवा के लिए मशहूर है यह सरकारी अस्पताल