नीतीश के इस्तीफे के बाद बिहार का क्या होगा, तीन संभावनाएं
नीतीश कुमार ने सीएम पद से भले ही इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अभी तक उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की है। ऐसे में वह एक बार फिर से बिहार के सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ उन्होंने साफ कर दिया कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वो किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद से ही जेडीयू उनसे सफाई की मांग कर रही थी। तेजस्वी यादव पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा था, लेकिन आरजेडी की ओर से साफ कहा गया कि इस्तीफा नहीं होगा।
तेजस्वी मामले पर बढ़ा हंगामा, नीतीश ने दिया इस्तीफा
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी इस्तीफे से इंकार किया। इसी के बाद बुधवार को जेडीयू विधायक दल की बैठक के बाद नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे और सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद बिहार का सियासी समीकरण क्या होगा...
नीतीश ने नहीं की विधानसभा भंग करने की सिफारिश
नीतीश कुमार ने सीएम पद से भले ही इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अभी तक उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की है। ऐसे में वह एक बार फिर से बिहार के सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि नीतीश कुमार बीजेपी के समर्थन से बिहार में दोबारा सरकार बना सकते हैं। खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से पीएम मोदी को बधाई दी है, उससे साफ है कि स्क्रिप्ट पहले से तैयार है और नीतीश की एनडीए में घर वापसी के लिए महौल एकदम अनुकूल बना दिया गया है।
नीतीश कुमार के सामने चुनाव मैदान में उतरने का विकल्प
नीतीश कुमार के सामने दूसरा विकल्प है, चुनाव मैदान में उतरने का है। हालांकि, बीजेपी के साथ न जाने की संभावना बेहद कम है, लेकिन यह भी एक विकल्प हो सकता है कि नीतीश कुमार बिना किसी गठबंधन सीधे चुनाव मैदान में उतरें और जनता से कहें कि अब आप हमारी पार्टी को अकेले दम पर बहुमत दीजिए। हालांकि, यह रास्ता नीतीश कुमार के लिए उतना आसान नहीं होगा।
2019 को लेकर बना सकते हैं रणनीति
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर नीतीश कुमार 2019 लोकसभा चुनाव में मोदी विरोधी खेमे की धुरी भी बन सकते हैं। ऐसी स्थिति में उनके पास नरेंद्र मोदी के सामने खुद को पीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट करने का सुनहरा अवसर होगा, लेकिन इसकी संभावना बेहद कम नजर आ रही है।