6 साल के बेटे ने दिलाया मरी मां को न्याय, जज को बताई पूरी बात
तभी कोर्ट में पहुंचे 6 साल के बच्चे ने कहां कि यही महिला है जिसने मेरी मां को मारा है। बच्चे की जुबान से इस तरह की बात सुनने के बाद सभी उसी तरफ देखने लगे और पूरी बात न्यायालय के सामने बताने को कहा।
पटना। एक हत्याकांड मामले में भागलपुर के एडीजे कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। तभी कोर्ट में पहुंचे 6 साल के बच्चे ने कहां कि यही महिला है जिसने मेरी मां को मारा है। बच्चे की जुबान से इस तरह की बात सुनने के बाद सभी उसी तरफ देखने लगे और पूरी बात न्यायालय के सामने बताने को कहा। फिर 6 साल के बच्चे ने कोर्ट से कहा कि मुझे वो दिन याद है जब मैं अपनी मां के साथ घर गया था। जहां मेरी दादी और बुआ के द्वारा मेरी मां के साथ मारपीट की गई और रात में दवा पिलाई गई। जिसकी वजह से मेरी मां की मौत हो गई। जब सुबह आंखें खुली तो मां को मरे हुए हालत में देख हमने इसका विरोध करना शुरू किया और मौके पर पहुंची पुलिस ने हमारे ही बयान के आधार पर मेरी दादी को गिरफ्तार कर लिया था। बच्चे की बात सुनने के बाद जज दीपांकर पांडे की अदालत ने महिला को 20 हजार रुपए जुर्माना और उम्र कैद की सजा सुनाई।
आपको बता दें कि मामला साल 2016 का है जहां ललिता देवी के द्वारा अपनी बहू कि हत्या दवा में जहर मिलाकर कर दी गई थी। जानकारी के मुताबिक गोड्डा मेहरामा के तुलाराम भुस्का की रहने वाली जूली की शादी 8 साल पहले उमेश शाह के साथ हुई थी। शादी के बाद उमेश उड़ीसा नौकरी के लिए चला गया। जहां कुछ दिन नौकरी करने के बाद उसने जूली को भी उड़ीसा बुला लिया और दोनों वहीं रहने लगे। जूली को उमेश के साथ रहना उसकी सास और ससुराल वालों को नहीं पसंद था जिसके चलते कई बार उसका विरोध किया गया। बता दें कि परिवार वालों की बात मानने को ना तो उमेश तैयार था और ना ही जूली। समय बीतने के बाद इन दोनों को एक बच्चा भी हुआ और दोनों हंसी-खुशी उड़ीसा में रह रहे थे।
इसी बीच उमेश की मां ने बीमारी का बहाना बनाते हुए अपनी बहू को अपने पास बुलाया और उसके साथ मारपीट करने लगी। इसमें जूली की सास ललिता, ससुर संतलाल शाह, देवर कंहाई शाह और ननद पिंकी देवी सभी शामिल थे। जब जूली के द्वारा इस बात की शिकायत अपने मायके वाले और पति से की गई तो सभी ने इसका जमकर विरोध किया। फिर एक दिन घरेलू विवाद काफी बढ़ गया और देर रात दवां खिलाने के बहाने आरोपियों ने दवा में जहर मिलाकर खिला दिया और जूली के मायके वालों को फोन कर बताया कि उसकी तबीयत खराब है।
जब सुबह उसके मायके वाले वहां पहुंचे तो जूली की मौत हो चुकी थी। फिर मामले की जानकारी नजदीकी थाने को दी गई और मौके पर पहुंची पुलिस को उसके बच्चे ने जो बयान दिया उसके आधार पर ललिता देवी को गिरफ्तार कर लिया गया। फिर मायके वालों के द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर सास, ससुर, देवर और ननद पर मामला दर्ज किया गया। और मामले की सुनवाई कोर्ट पहुंची। इस केस में चश्मदीद गवाह जूली के बेटा की बात सुनने के बाद न्यायालय में ललिता को उम्र कैद की सजा सुनाई गई और 20 हजार जुर्माना भी लगाया।
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