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नीतीश के सुशासन में भूख से तड़पकर 55 साल के बुजुर्ग की मौत

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सहरसा। केन्द्र की यूपीए सरकार भारत निर्माण के नारे लगा रही है तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सुशासन का दम भर रहे है। अपनी योजनाओं का प्रचारकर सरकारें वोट की राजनीति कर रही हैं, लेकिन नीतीश के सुशासन के पीछे छुपा सच कोई नहीं देख पा रहा है। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी फूड सिक्योरिटी बिल को पास कराकर दावा कर रही हैं कि अब देश में कोई भूखा नहीं रहेगा, लेकिन सच्चाई इसके ठीक उलट है।

55 साल का बूढ़ा नाथो चार दिनों ने बिना दाना-पानी के था। भूख के कारण उसकी आंतरियां सूख गई थी। पेट और पीठ एक हो चुके थे, लेकिन उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था। एक पागल बेटा जो नशे की अपना भोजन बना चुका है, एक पोती जो अपने दादा का मदद करने में लाचार थी। ना तो गांव के किसी ने मदद की और ना सरकार ने उसकी सूध ली। आखिर कब तक वो बूढ़ा अपनी कमजोर हड्डियों के साथ भूख से लड़ पाता। तड़प-तड़प कर नाथो मर गया। भूख से मरे नाथो ने मौत के बाद प्रशासन को जगा दिया।

nitish kumar

घटना बिहार के सहरसा जिले के बैजनाथपुर गांव की है। जहां 55 साल के नाथो स्वर्णकार की भूख से मौत हो गई। वह पिछले तीन-चार दिनों से भूख से तड़प रहे थे तो कोई भी सुध लेने नहीं आया। नाथो की मौत के बाद और स्थानीय नेता और सरकारी अधिकारी आपस में 'ब्लेम गेम' खेल रहे हैं। अफसोस के बजाए नेता और अधिकारी एक-दूसरे को नाथो की मौत का जिम्मेदार बता रहे है। अपनी गलती छुपाने के लिए नेताओं ने नाथो के शव का पोस्टमार्ट कराए जाने के बजाए उसके परिवार वालों से उसकी स्वभाविक मौत होने का इकरारनामा लिखवाकर शव का अंतिम संस्कार करवा दिया।

चाय की दुकान चलाने वाले नाथों का नाम बीपीएल लिस्ट में शामिल था, लेकिन पिछले 6 महीनों से उसे अनाज का एक दाना तक नहीं मिला। बहु मायके से थोड़ा बहुत लाकर घर चला रही थी, लेकिन अंत में उसकी भी हिम्म्त टूट गई। मुखिया ने बताया कि 6 महीनों से उनके गांव में सरकारी अनाज नहीं पहुंचा है। जब इस बात की शिकायत जिलाधिकारी से की गई तो डीएम ने इसे नजरअंदाज कर दिया। गांव में अकेला नाथो ऐसा नहीं था जो भूख से लड़ रहे है। कतार में कई लोग खड़े है, लेकिन अब जब नाथो भूख से मर गया तो नेता और अधिकारी लड़ रहे है।

विपक्षी पार्टियों ने इस घटना पर सियासत शुरू कर दी है। बीजेपी के नेता रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि यह घटना बेहद की शर्मनाक है। बिहार में अनाज की कमी नहीं, लेकिन नीतीश राज में लूट-खसोट मची हुई है। उन्होंने कहा कि बिहार में भूख से किसी की मौत पूरे प्रदेश के लिए शर्मनाक है। आरजेडी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। आरजेडी का कहना है कि बिहार में प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।

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English summary
In an apparent failure of the public distribution system in Bihar a 55-year-old villager Natho Swarnkar died of starvation in Baijnathpur village of Saharsa district.
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