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सास-सालों के बारे में पता लगाने के लिये दाखिल की RTI

By Ajay Mohan
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भोपाल। हेडलाइन पढ़कर पहले आप मुस्कुराये, शायद हंसे भी और फिर क्लिक कर दिया। अब यह मत सोचियेगा कि यहां सास और साले कोई अध‍िकारी हैं, जिनके ख‍िलाफ आरटीआई दाख‍िल की गई है। असल में मध्य प्रदेश का यह अनोखा ऐसा पारिवारिक मामला है, जो आरटीआई दफ्तर तक जा पहुंचा है। खैर सूचन आयोग ने निजी जानकारी मांगने वाले को जमकर फटकार लगायी है।

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Husband Wife

छत्तीसगढ़ पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक नितिन दीक्षित का आये दिन अपनी पत्नी से झगड़ा हाता था। एक दिन ऐसा आया कि रिश्ता टूट गया। नितिन को शक है कि उसके वैवाहिक जीवन में खलल डालने वाले कोई और नहीं बल्क‍ि उसकी सास व साले हैं। बस अपना वैवाहिक रिश्ता बिगड़ जाने पर सास व सालों के खिलाफ आरटीआई लगाकर उनकी व्यक्तिगत जानकारियां मांगना शुरू कर दिया।

सास सुचेता शुक्ला, शासकीय उ.मा.वि., ग्वालियर में व्याख्याता हैं। उनके दोनों बेटे रेल विभाग व सैनिक स्कूल में कर्यरत हैं। बेटों से संबंधित आरटीआई के प्रकरण लोक सूचना अधिकारियों, अपीलीय अधिकारियों व केन्द्रीय सूचना आयोग ने निरस्त कर दी।

सुचेता शुक्ला से संबंधित पूरी जानकारी हासिल करने के लिए अपीलार्थी दीक्षित ने आयोग में अपील की। उसने मांग की कि सुचेता शुक्ला द्वारा लिए गए और नहीं लिए गए समस्त प्रकार के अवकाषों, उनकी उपस्थिति, मुख्यालय छोड़ने की अनुमति, उन्हे किस काम के लिए कब किस कार्यालय भेजा गया आदि से संबंधित सारी जानकारी दिलाई जाए।

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इस पर मप्र सूचना आयोग ने न केवल लोक सूचना अधिकारी की सूचना देने की कार्यवाही को निरस्त कर सूचना देने के अपीलीय अधिकारी के आदेष को खारिज कर दिया, बल्कि अपीलार्थी को आइंदा सूचना के अधिकार का बेजा इस्तेमाल न करने की चेतावनी भी दी।

आयुक्त आत्मदीप ने इसे कर्मचारी व उसके नियोक्ता के बीच का मसला बताते हुए फैसले में कहा-आरटीआई अधिनियम में मौलिक अधिकार निहित है, जिसमें निजता का अधिकार शामिल है। किसी नागरिक को किसी संस्थान, व्यक्ति को अथवा उसके कामकाज को अनुचित ढंग से प्रभावित करने के लिए इस अधिनियम का उपयोग करने की छूट नहीं दी जा सकती।

आयुक्त ने अपीलार्थी को चेतावनी दी कि वह आइंदा ऐसी वैधानिक त्रुटि न करे तथा सूचना के अधिकार का उपयोग जिम्मेदारी की भावना के साथ लोक हित में करें। साथ ही ध्यान रखें कि किसी से खुन्नस निकालने या दुराषयपूर्ण ढंग से निजी हित साधने के लिए आरटीआई अधिनियम के प्रावधान प्रयुक्त किया जाना अधिनियम की भावना एवं उद्देष्य के विपरीत है।

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English summary
A police inspector in Madhya Pradesh has filed RTI to get the information about his mother-in-law and brother-in-laws.
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