किसी को भी दूसरे की देशभक्ति नापने का हक नहीं, मुझे भी नहीं: भागवत
हाल ही में हर मुसलमान की राष्ट्रीयता हिन्दू बताने वाले आरएसएस चीफ ने कहा है कि किसी को भी किसी दूसरे की देशभक्ति नापने का कोई हक नहीं है, भले ही वो कोई भी हो।
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है किसी एक को दूसरे की देशभक्ति तय करना का कोई हक नहीं है। आठ दिन के लिए मध्य प्रदेश में आए भागवत ने विजय मनोहर तिवारी की पुस्तक 'भारत की खोज में मेरे पांच साल' का विमोचन करते हुए ये बातें कहीं। भागवत ने कहा कि किसी को भी दूसरे की देशभक्ति को नापने का हक नहीं है, ना आपको हैं और ना मुझे।
मोहन भागवत ने कहा कि भले ही कोई अपने को इस देश का कर्ताधर्ता मानता हो लेकिन उसे भी यह अधिकार नहीं है कि वो दूसरे की देशभक्ति नापे। कोई भी किसी की देशभक्ति को तय नहीं कर सकती। भागवत ने कहाकि हम लोग इसके लिए नैतिक रूप से बंधे होते हैं, देशभक्ति प्रदर्शन करने की चीज नहीं है। दो दिन पहले ही भागवत ने कहा था कि भारत के मुसलमान राष्ट्रीयता से हिन्दू हैं। उनके इस बयान को लेकर अलग-अलग लोगों की ओर से कई तरह की प्रतिक्रियाएं भा आईं।
मध्यप्रदेश के बैतुल में मोहन भागवत ने कहा था कि भारत में पैदा होने वाला हर एक शख्स हिंदू है।भागवत ने इसे समझाते हुए कहा था कि जैसे अमेरिका में अमेरिकी लोग और जर्मनी में जर्मन लोग रहते हैं, ठीक उसी तरह हिंदुस्तान में हिंदू रहते हैं। हिंदुस्तान के लोग भारत माता को अपनी मां मानकर उसकी भक्ति करते हैं। उन्होंने कहा था कि क्योंकि भारत के मुसलमान इबादत से तो मुसलमान हो गए, मगर राष्ट्रीयता से हिंदू हैं। अब उनका किसी को दूसरे की देशभक्ति ना नापने का बयान चर्चा है।
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