मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश के खिलाफ प्राथमिकी की तैयारी
भोपाल।
मध्य
प्रदेश
में
व्यावसायिक
परीक्षा
मंडल
(व्यापमं)
द्वारा
आयोजित
परीक्षाओं
में
हुए
फर्जीवाड़े
में
कथित
तौर
पर
राज्यपाल
रामनरेश
यादव
की
संलिप्तता
के
मद्देनजर
उनके
खिलाफ
प्राथमिकी
दर्ज
करने
की
प्रक्रिया
शुरू
हो
गई
है।
यह
जानकारी
एक
वरिष्ठ
पुलिस
अधिकारी
ने
दी।
अतिरिक्त
पुलिस
महानिरीक्षक
आशीष
खरे
ने
यहां
मंगलवार
को
पत्रकारों
से
कहा
कि
राज्यपाल
के
खिलाफ
प्राथमिकी
की
प्रक्रिया
जारी
है।
राजधानी भोपाल में एसआईटी के साथ एक बैठक में हिस्सा लेकर बाहर निकले खरे से पत्रकारों ने पूछा कि क्या राज्यपाल रामनरेश यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, तो उन्होंने कहा, "प्राथमिकी की प्रक्रिया जारी है।"
एक अन्य सवाल के जवाब में खरे ने कहा, "उच्च न्यायालय ने एसआईटी को जो निर्देश दिए हैं, उसके अनुसार एसआईटी जो सिफारिश करेगी हम (एसटीएफ) उस अनुसार कार्रवाई करेंगे।"
इस बीच विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख चंद्रेश भूषण ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उन्हें प्राथमिकी के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, "एसटीएफ की तरफ से अभी तक उनके पास इस संबंध में कोई सूचना नहीं है। यदि कोई सूचना आती है तो उसे मीडिया को जाहिर किया जाएगा।"
इसके पहले सोमवार को भूषण ने कहा था कि जांच अधिकारी को तथ्य व साक्ष्य के आधार पर किसी के भी खिलाफ मामला दर्ज करने का अधिकार है, वह चाहे राज्यपाल ही क्यों न हों।
शिवराज सिंह चौहान के सुशासन वाले राज्य में इन दिनों व्यापमं घोटाला मुख्य मुद्दा बन चुका है। विधानसभा से लेकर सड़क तक पर संग्राम छिड़ा हुआ है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर एसआईटी की निगरानी में एसटीएफ जांच कर रही है।
एसआईटी प्रमुख भूषण ने सोमवार को कहा था कि कई लोगों ने उनसे शिकायतें की हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह की ओर से भी शिकायत की गई है, जिसमें दिए गए तथ्यों की वह जांच करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस किसी के खिलाफ तथ्य पाए जाएंगे, उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
चंद्रेश भूषण से पूछा गया था कि जांच अधिकारी को क्या संवैधानिक पद या संस्था से जुड़े लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने का अधिकार है, तो उन्होंने कहा कि अगर जांच अधिकारी के संज्ञान में आता है कि तथ्य और साक्ष्य सही हैं तो वह किसी के भी खिलाफ प्रकरण दर्ज कर सकता है। भूषण ने स्पष्ट कहा कि चाहे राज्यपाल ही क्यों न हों, जांच अधिकारी को उनके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज करने का अधिकार है।
दूसरी ओर, सरकार की ओर से उच्च न्यायालय को बताया गया है कि व्यापमं घोटाले में अब तक 539 लेागों की गिरफ्तारी हो चुकी है, 218 आरोपी अब भी फरार हैं। उच्च न्यायालय ने अंतिम चालान 15 मार्च और स्टेटस रिपोर्ट चार मार्च तक पेश करने के निर्देश दिए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।