भोपाल जेलब्रेक व सिमी आतंकियों के एनकाउंटर मामले की जांच करने को NIA ने रखी शर्त
भोपाल। सिमी आतंकियों के एनकाउंटर में मारे जाने से जुड़े मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के करने पर अभी संदेह बना हुआ है।
भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सिमी आतंकियों के मारे जाने की जांंच एनआईए तभी करेगा जब मध्य प्रदेश पुलिस इस बात के सबूत जुटा ले कि मारे गए आतंकियों को सीधे तौर पर कोई बाहरी आतंकी संगठन मदद कर रहा था।
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एक एनआईए ऑफिसर ने बताया कि,'अगर जेल तोड़कर भागने और आतंकियों के एनकाउंटर में किसी तरह से भी आतंकी संगठन का हाथ है, तभी एनआईए इस केस को अपने हाथ में लेगी। एनआईए एक्ट भी इस बात की इजाजत नहीं देता है। हालांकि, इन दोनों मामलों की सीबीआई जांच कर सकती है।'
गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि राज्य सरकार अगर इन मामलों की जांच के लिए लिखित रूप से मांग करती है तो एनआईए जांच कराई जाएगी। यह निर्णय इन मामलों में दर्ज हुईं एफआईआर के आधार पर लिया जाएगा।
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हालांकि, एनआईए जांच की मांग हो रही है लेकिन राज्य सरकार ने एनकाउंटर को सही बताते हुए ऐसा कराने से इनकार कर दिया है। सरकार जेल तोड़ने के मामले को एनआईए को सौंपने के लिए झुकती दिख रही है।