कावेरी विवाद: सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को अनदेखा कर सकती है कर्नाटक सरकार
बेंगलुरु। कावेरी मुद्दे पर कर्नाटक सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को अनदेखा कर सकती है। सोमवार से उग्र हुए विरोध प्रदर्शन के बाद यह फैसला लिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में कुछ नेताओं ने यह सलाह दी कि न्यायालय के आदेश को अनदेखा किया जाए।
यदि इस उच्च स्तरीय बैठक में न्यायालय के फैसले को अनदेखा करने वाली सलाह पर सहमति बन जाती है तो यह आज मंगलवार को 11.30 बजे इसे आपात बैठक के दौरान कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।
वरिष्ठ नेता थे बैठक में शामिल
यह मुद्दा राज्य में कांग्रेस सरकार के लिए बड़ा दांव है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के आवास पर हुई बैठक के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, मार्ग्रेट अल्वा, ऑस्कर फर्नांडिस,वीरप्पा मोइली सहित अन्य लोग शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार बैठक में इस मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। बैठक में न्यायालय के आदेशको अनदेखा करने के मसले पर भी बात हुई।
बता दें कि न्यायालय ने सोमवार (12 सितंबर) को आदेश दिया था कि 12000 क्यूसेक पानी 20 सितंबर तक तमिलनाडु के लिए छोड़ा जाए।
तो सरकार को बर्खास्त करने की हो सकती है सिफारिश
यदि राज्य न्यायालय के आदेश को अनदेखा करता है तो यह अवमानना हो सकती है। सर्वोच्च न्यायालय, भारत के राष्ट्रपति से राज्य सरकार को बर्खास्त करने की अनुशंसा भी कर सकते हैं।
कुछ कांग्रेस नेताओं का मानना है कि कावेरी का मुद्दा कांग्रेस के लिए राजनीतिक तौर पर मददगार साबित होगा। कुछ प्रदर्शनकारी भी सरकार से न्यायालय के आदेश को अनदेखा करने की मांग कर रहे हैं।