मैं सिर्फ तभी बोलती हूं, जब मेरे बोलने से किसी को फायदा हो: दीपिका
बैंगलुरू के आईआईएमबी लीडरशिप समिट में दीपिका ने कहा कि वो केवल उन मुद्दों पर अपने विचार रखती हैं, जहां बोलने से किसी का फायदा हो।
बैंगलुरू। बॉलीवुड की मस्तानी जब बैंगलुरू के आईआईएमबी लीडरशिप समिट में पहुंची तो उनका भव्य स्वागत किया गया। दीपिका जब भी अपने शहर पहुंचती हैं उनके स्वगत में उनके फैंस कोई कमी नहीं छोडते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा आईआईएमबी लीडरशिप समिट में भी देखने को मिला। दीपिका के आने पर समिट में चार चांद लग गए। बिजनेस के छात्र उनके आने के लिए पहले से इंतजार कर रहे थे। फ्यूचर के इन बिजनेस लीडर्स के बीच पहुंचीं दीपिका ने भी खुलकर अपने विचार रखे।
समित में उनका स्वागत करते हुए आईआईएमबी के चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर किरण मजूमदार शॉ ने उन्हें नम्मा(कन्नड़ भाषा में अपने को नम्मा कहते हैं) कहकर संबोधित किया। दीपिका से समिट में हर सवाल का जवाब दिया और अपने अनुभव को बिजनेस के छात्रों के साथ बांटा।
सीनियर एडिटर शेखर गुप्ता द्वारा पूछे गए सवालों का दीपिका ने बखूबी जवाब दिया और डिप्रेशन को लेकर अपने विचार रखे। डिप्रेशन और मेंडल हेल्थ पर जोर देते हुए कहा कि डिप्रेशन से बाहर आना मुश्किल नहीं हैं। बस आप में इच्छाशक्ति होनी चाहिए। उन्होंने खुद का अनुभव शेयर करते हुए कहा कि वो भी उस दौर से गुजर चुकी है, लेकिन अपने मनोबल से उन्होंने खुद को संभाला और डिप्रेशन से बाहर निकल सकीं। वहीं जब उनसे पूछा गया कि वो राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार क्यों नहीं रखती तो दीपिका ने साफ- साफ शब्दों में कहा कि वो अपने विचार केवल वहीं रखती हैं, जहां उनके बोलने से किसी को कुछ फायदा हो।