मोदी सरकार के नोट बैन को केजरीवाल ने कहा 'अजीब फैसला'
बोले केजरी, 1000 की जगह 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार कैसे रुक सकता है।
नई दिल्ली। पीएम मोदी के 1000 और 500 के नोट बैन करने के फैसले को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 'समझ में ना आने वाला' कहा है। उन्होंने इससे भ्रष्टाचार पर पड़ने वाले असर को लेकर भी सवाल उठाया है।
8 नवंबर को पीएम मोदी ने 1000 और 500 के नोट बैन करने की घोषणा की है। इसको पीएम ने कालेधन पर लगाम पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बताया है।
पीएम के नोट बैन पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें एक बात समझ में नहीं आ रही है कि 1000 के नोट बंद करके 2000 का नोट लाने से कैसे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
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कई बड़े नेता कर रहे हैं मोदी के फैसले की आलोचना
अरविंद केजरीवाल से पहले भी दूसरे कई राजनेता भी सरकार के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इसे एक खराब फैसला बता चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव नोट बैन का मुद्दा संसद में उठाने की बात कह चुके हैं। उन्होंने ऐसे फैसले से पहले लोगों को कुछ दिन का समय देने की मांग की है।
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बसपा सुप्रीमो मायावती ने 500 और 1000 के नोट को आर्थिक आपातकाल कहा है। उन्होंने इसे जनता पर बेवजह की मार कहते हुए फैसले की आलोचना की है।
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राष्ट्र के नाम संबोधन में की थी पीएम मोदी ने घोषणा
आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 500 और 1000 के नोट पर बैन की बात कही थी। राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम ने कहा था कि ब्लैक मनी पर प्रहार करने के लिए 1000 के नोट बंद होंगे जबकि 500 के नोट बदले जाएंगे।
पीएम ने 1000 और 500 रुपये के मौजूदा करंसी नोटों को 8 नवंबर की रात 12 बजे से बंद करने का ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा था कि 500 और 1000 रुपये के करैंसी नोट कानूनी रूप से मान्य नहीं रहेंगे।
पीएम मोदी ने इस बैन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि हम जाली नोटों और करप्शन के खिलाफ जो जंग लड़ रहे हैं, इससे उस लड़ाई को ताकत मिलेगी।
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