बेंगलुरु में नए साल पर हुई चौंकाने वाली घटना पर इस महिला ने दिया करारा जवाब
तृषा भट्टाचार्य ने फेसबुक पर जिस अंदाज में बेंगलुरु के एमजी रोड पर हुई घटना को लेकर अपनी बात रखी वो बेहद दिल छू लेने वाली है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा की दुखद स्थिति को कविता के जरिए पेश किया है।
नई दिल्ली। बेंगलुरु में नए साल पर महिलाओं से हुई छेड़छाड़ की घटना ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों ने जमकर अपने गुस्से का इजहार किया। उनके निशाने पर प्रदेश सरकार और पुलिस ही रही। सोशल मीडिया पर आम लोगों के साथ-साथ एक पीड़िता ने भी घटना को लेकर अपना पक्ष रखा। उनके निशाने पर वो राजनेता भी थे जिन्होंने नए साल पर हुई घटना को लेकर विवादित बयान दिए थे। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एमजी रोड और ब्रिगेड रोड पर नए साल के जश्न के दौरान कुछ महिलाओं से छेड़छाड़ की घटना सामने आई थी। जिसके बाद देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे।
इस शर्मनाक घटना के बाद ऐसे बयान आए थे जिसमें महिलाओं की ड्रेस पर टिप्पणी की गई थी। इसमें कहा गया था कि महिलाएं पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित होकर वहां के पहनावे को अपनाती हैं जिसके चलते ऐसी घटनाएं होती हैं। बेंगलुरु की घटना पर बेंगलुरु की ही एक महिला ने बेहद खास अंदाज में अपनी बात रखी है। उन्होंने इस घटना में प्रभावित हुई महिलाओं पर उठाए जा रहे सवालों को लेकर फेसबुक पर एक कविता लिखी है, जिसमें उन्होंने कई सवाल उठाए हैं। तृषा भट्टाचार्य ने फेसबुक पर जिस अंदाज में बेंगलुरु के एमजी रोड पर हुई घटना को लेकर अपनी बात रखी वो बेहद दिल छू लेने वाली है। उन्होंने देश में महिलाओं की सुरक्षा की दुखद स्थिति को कविता के जरिए सबके सामने रखा है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट की शुरूआत महिलाओं को संबोधित करते हुए की है।
तृषा
ने
महिलाओं
की
ड्रेस
को
लेकर
बेहद
अलग
तरीके
से
अपनी
बात
रखी
है।
उन्होंने
कहा
कि
ऐसी
ड्रेस
मत
पहनो
जिसमें
आपके
पैर
नजर
आएं,
ये
गंभीर
लड़ाई
की
वजह
बन
सकते
है।
अगर
ड्रेस
में
स्लीव्स
नहीं
होंगी
तो
बड़े
पैमाने
पर
छेड़छाड़
की
घटना
की
वजह
बन
सकते
हैं।
अगर
ड्रेस
छोटे
होंगे
तो
ये
गड़बड़ी
पैदा
करेंगे।
उन्होंने
कविता
के
जरिए
महिलाओं
से
कहा
है
कि
ऐसे
ड्रेस
नहीं
जिसकी
वजह
से
उन्हें
समस्या
का
सामना
करना
पड़े।
उन्होंने
साड़ी,
टॉप,
ट्रेडिशनल
ब्लाउज,
हिजाब,
बुरका
सभी
का
जिक्र
किया
है।
समाज
में
जिस
तरह
से
महिलाओं
की
ड्रेस
को
लेकर
सवाल
खड़े
किए
जाते
हैं
उन्होंने
कविता
में
उन
सभी
बातों
का
जिक्र
करते
हुए
पक्ष
रखा
है।
उन्होंने
समाज
की
मानसिकता
पर
भी
करारा
प्रहार
किया
है।
साथ
ही
महिलाओं
की
स्थिति,
उनकी
स्वतंत्रता
को
लेकर
उठाए
जा
रहे
सवाल
पर
भी
खास
तरीके
से
टिप्पणी
की
है।
आप
भी
पढ़िए
तृषा
भट्टाचार्य
की
खास
फेसबुक
पोस्ट...
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