सरदारपुरा दंगा: उम्रकैद की सजा पाए 31 में से 14 को हाई कोर्ट ने किया बरी
गोधरा कांड के बाद हुआ था सरदापुरा दंगा। लोअर कोर्ट से मिली थी 31 को उम्रकैद।
अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने सरदारपुरा दंगे में लोअर कोर्ट से उम्रकैद की सजा पाए 31 लोगों में से 14 को आरोपमुक्त कर बरी कर दिया है। गोधरा कांड में बाद हुए इस नरसंहार में 22 महिलाओं सहित 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
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17 उम्रकैदियों की सजा बरकरार
जस्टिस हर्षा देवान और बीरेन वैष्णव की बेंच ने फैसला सुनाते हुए लोअर कोर्ट से उम्रकैद की सजा पाए 31 आरोपियों में 14 को बरी कर बाकी 17 को दोषी बताया है। उन 17 लोगों की सजा हाई कोर्ट ने बरकरार रखी है।
सबूत के अभाव में कोर्ट ने दी क्लीन चिट
बरी हुए आरोपियों को सबूतों के अभाव का फायदा मिला और कोर्ट ने उनको क्लीन चिट दे दी। 2011 में लोअर कोर्ट में इस मामले में 31 लोगों को बरी किया गया था और बाकी 31 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
लोअर कोर्ट से बरी हुए लोगों के खिलाफ याचिका रद्द
हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें 31 लोगों को बरी करने के लोअर कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
गोधरा कांड के बाद हुआ था सरदारपुरा नरसंहार
गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों में सबसे पहले सरदारपुरा नरसंहार की जांच एसआईटी ने की। गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में एक बोगी में आग लगा देने की घटना में 59 लोग जिंदा जल गए थे।
इसके बाद पास के शेख वास इलाके एक मकान को घेरकर भीड़ ने आग लगा दी थी, जिसमें 22 महिलाओं समेत 33 लोगों की जलकर मौत हो गई थी।
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