पाकिस्तानी अखबार का दावा, सर्जिकल स्ट्राइक पर अब भड़काऊ बयानबाजी नहीं
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर भड़काऊ बयान देने से बचने की सलाह दी है, ये फैसला दो अक्टूबर में दोनों देशों के एनएसए की मुलाकात के बाद लिया गया। जिसमें तय किया गया कि दोनों ओर से ऐसे बयान पर लगाम लगनी चाहिए जिससे लोग भड़क सकते हैं। ये दावा पाकिस्तान के एक अखबार ने किया है।
'दोनों देशों के एनएसए की बातचीत के बाद लिया गया फैसला'
पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक अधिकारियों के मुताबिक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल ने पाकिस्तान के एनएसए नसीर जन्जुआ को आश्वासन दिया कि मोदी सरकार तनाव को घटाना चाहती है, इसलिए भारतीय अधिकारी इस मुद्दे पर कोई भी गैर-जरूरी बयान जारी नहीं करेंगे।
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यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों से कहा था कि कोई भी सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर ऐसे बयान नहीं दें जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़े। अखबार के मुताबिक पाकिस्तान से रिश्तों के मद्देनजर केवल संबंधित मंत्री ही इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखेंगे।
दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के मुताबिक उन्हें ये उम्मीद नहीं है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की गुंजाइश है।
सीनेटर मुशाहिद हुसैन सईद को उम्मीद, मोदी सार्क समिट में आएंगे
सीनेटर मुशाहिद हुसैन सईद, जो हाल ही में वाशिंगटन से लौटे हैं, उम्मीद जताई कि पीएम मोदी की ओर से एक बार फिर बातचीत की पहल हो सकती है।
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मुशाहिद हुसैन सईद की मानें तो उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्लामाबाद में होने वाली सार्क समिट में जरूर आएंगे। यहां आकर नवाज शरीफ को फिर से गले लगाएंगे। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इस कदम के जरिए आगे बढ़ेंगे।
बता दें कि नवंबर में होने वाली सार्क समिट से पहले ही भारत, बांग्लादेश, मालदीव समेत कई प्रमुख देश इसमें हिस्सा लेने से इंकार कर चुके हैं। 18 सितंबर को उरी हमले के बाद ये फैसला लिया गया।