'केदारनाथ मंदिर के पुनरोद्धार में बाहरी मदद की जरूरत नहीं'
देहरादून। केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने बुधवार को कहा कि पिछले महीने उत्तराखंड में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए 11वीं सदी के केदारनाथ मंदिर के पुनरोद्धार के लिए किसी बाहरी मदद की जरूरत नहीं है। कटोच ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंदिर के वास्तविक सौंदर्य को बहाल करने के लिए सबसे बेहतर विशेषज्ञ सरकार के पास हैं।
इसे पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पर छोड़ दिया जाना चाहिए। किसी अन्य को वहां नहीं जाना चाहिए, अन्यथा वे अपने विचार ले आएंगे। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को केंद्र सरकार स्वीकार करेगी या नहीं, इस सवाल के जवाब में कटोच ने ये बातें कही।
कटोच ने कहा कि मंत्रालय ने मंदिर को हुई क्षति का आकलन करने के लिए एक जांच दल भेजा था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से वह मौके पर नहीं पहुंच सका। जैसे ही मौसम ठीक होगा वे वहां पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए जो भी धन की जरूरत होगी, वह पुरातत्व विभाग केंद्र से हासिल करेगा।
राष्ट्रीय संस्कृति कोष और जनता के सहयोग से भी पैसा हासिल किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि चाहे तो राज्य सरकार भी मंदिर की मरम्मत के लिए धन दे सकती है। पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि केदारनाथ मंदिर 11वीं सदी में बना था और 18 सदी में इसके अग्रभाग का पुनर्निर्माण हुआ।