NAC से अरुणा रॉय ने दिया इस्तीफा, सोनिया ने किया मंजूर
एनएसी की जिम्मेदारी सरकार को कानून बनाने तथा नीतियों के निर्धारण में परामर्श देने का है। मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी को लेकर अरुणा ने कहा है कि ग्रामीण गरीबों के जीवन स्तर में सुधार लाने में इस योजना ने योगदान दिया है, लेकिन इस महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वय अब भी एक चुनौती बना हुआ है। सोनिया गांधी को लिखे पत्र में अरुणा ने लिखा है कि मैंने पहले भी अनुरोध किया था कि मैं एनएसी में एक और कार्यकाल के लिए नहीं रहना चाहती। मैं आपकी आभारी हूं कि आपने मेरा अनुरोध स्वीकार कर लिया। लेकिन मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि एनएसी के बाहर रहकर भी मैं सामाजिक क्षेत्र के लिए अभियान में अपना समर्थन जारी रखूंगी।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने मनरेगा कामगारों को न्यूनतम मजदूरी भुगतान करने की एनएसी की अनुशंसा खारिज कर दी और इसके बजाय मनरेगा कामगारों को न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। खाद्य सुरक्षा विधेयक को तुरंत संसद से पारित किए जाने का समर्थन करते हुए अरुणा ने कहा, "देश में भूख एवं कुपोषण को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा होनी चाहिए और इसे तुरंत संसद में पारित किया जाना चाहिए। अरुणा रॉय के अनुरोध के बाद सोनिया गांधी ने भी उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। सोनिया ने उनके फैसले का सम्मान करते हुए उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।