कोरियाई जहाज पर चढ़े भारतीय प्रदर्शनकारी
बैंगलोर। कोयला के निर्यात के विरोध में बुधवार 24 अप्रैल को बैंगलोर के 31 वर्षीय गौरव जगदीश (एक खेल प्रशिक्षक) सहित ग्रीनपीस इंटरनेशनल से छह कार्यकर्ताओं का एक समूह एक कोरियाई स्वामित्व वाले कोयला जहाज एमवी मेस्टर्स में चढ़ा। ग्रीनपीस कार्यकर्ता ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड तट पर जहाज में उस समय सवार हुए जब यह वैश्विक धरोहर ग्रेट बैरियर रीफ को पार कर था। सुबह पौ फटते ही ग्रीनपीस कार्यकर्ताओं ने इन्फलैटेबिल नौकाओं में सवार होकर ऑस्ट्रेलियाई तटरेखा पर एमवी मेस्टर्स के पास पहुंच गये और जल्दी ही स्टील की सीढ़ीयों की मदद से जहाज के उपर चढ़कर जहाज के धनुष (बो) वाले हिस्से में डेरा जमा लिया।
वरिष्ठ
ग्रीनपीस
कार्यकर्ता
जिओर्जिना
वुड्स
ने
यहां
अपने
एक
बयान
में
कहा
कि
जहाज
अपने
पूर्व
निर्धारित
मार्ग
पर
कोरिया
को
ही
जाएगा।
पांच
अन्य
कार्यकर्ताओं
में
ऑस्ट्रेलिया
से
फरेया
हार्वे
और
एम्मा
जाइल्स,
अमेरिका
से
सद्भाव
लैम्बर्ट,
न्यूजीलैंड
से
जेम्स
माथर
और
चीन
से
यांग
वांग
शामिल
हैं।
वहीं
भारतीय
गौरव
जगदीश
पिछले
दस
साल
से
ग्रीनपीस
इंटरनेशनल
के
साथ
जुड़े
कार्यकर्ता
हैं।
वह
राष्ट्रीय
स्तर
के
पर्वतारोही,
खेल
प्रशिक्षक
और
व्यवसायिक
चढ़ाई
के
ट्रेनर
है।
वह
अब
तक
ग्रीनपीस
के
कई
विरोध
प्रदर्शनों
में
शामिल
हो
चुके
हैं
इनमें
उल्लेखनीय
रूप
से
वर्ष
2008
में
कोलाघाट,
पश्चिम
बंगाल
में
एक
कोयला
आधारित
बिजली
संयंत्र
की
चिमनी
पर
चढ़ना
शामिल
है।
उन्हें ग्रीनपीस के जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए सरकारों से आग्रह के लिए 2009 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में हिरासत में लिया गया था। कट्टरपंथी पर्यावरणवाद में शामिल ग्रीनपीस ने जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए सबसे बड़ी योगदानकर्ता के रूप में कोयले का हवाला देते हुए ऑस्ट्रेलिया से कोयला निर्यात के विस्तार के अंत की मांग की है। ग्रीनपीस ने बयान में कहा कि , हमारे वैज्ञानिक और राजनीतिक नेता सब जलवायु परिवर्तन को दुनिया पर मंडरा रहा सबसे बड़ा खतरा मानते हैं अब समय आ गया है कि इस समस्या के समाधान के लिए कोयला निर्यात को बढ़ावा देने की जगह कोयला दहन को कम करने की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए।