बेटी को फैशन के बारे में कुछ इस प्रकार बतायें
प्रैक्टिकल लाइफ के बारे में बताएं
बेटियों को इमोशनल जोन से बाहर निकालने की जिम्मेदारी पूरी तरह से पिता की होती है। कम उम्र से ही बच्चियों को लाइफ में प्रैक्टिकल होना सिखाएं। उन्हे बताएं कि वो अपनी लाइफ को लेकर सही निर्णय ले और किसी भी प्रकार के गलत बहकावे में न आएं क्योकि पेट भरने के लिए भावनाओं की नहीं बल्कि दिमाग से कमाए हुए रूपयों की जरूरत पड़ती है। बेटियां प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में भी दूरी बनाना अपने पिता से ही सीखती हैं।
स्वभाव में सकारात्मकता लाएं
किसी भी व्यक्ति को जीवन में पॉजिटिव होना बेहद जरूरी है। नकारात्मक भाव मन में लेकर आप कभी आगे नहीं बढ़ सकते। भारत में वैसे भी बेटियों को अक्सर अंडरएस्टीमेड किया जाता है ऐसे में उन्हे समझाने का प्रयास करे कि लोगों को बात को ध्यान न रखते हुए वह सदैव अच्छा सोचे और अच्छा होने की ही उम्मीद करें। उन्हे पॉजिटिव थिंकिंग के फायदे बताएं और उनमें समय के साथ आने वाले सकारात्मक बदलाव की सराहना करें।
भगवान में आस्था का पाठ पढ़ाएं
भले ही आप भगवान में विश्वास करते हो या न करते हो लेकिन अपनी बेटी को ईश्वर के निराकार रूप के बारे में जरूर बताएं। उसे मूर्ति पूजा करने के लिए प्रेरित न करें लेकिन भगवान में आस्था रखने को कहे। सर्वे के अनुसार, अगर बच्चों को बचपन से पूजा करने के लिए कहा जाएं तो उनका मन शांत रहता है और उनके व्यवहार में धैर्य नजर आता है।
हर बात को बताने और शेयर करने की आदत ड़ालें
बेटी के सामने कभी बात को छुपाने और गलत तरीके से बताने की गलती न करे वरना वह भी बढ़े होकर यही करेगी। उसके साथ फ्रैंडली रहें ताकि वह हर बात आपके साथ शेयर कर सके। उससे बात करते समय नाक भौं न सिकोड़े और दकियानूसी न दिखाएं। समय के साथ बदले कल्चर को समझने की कोशिश करे। गलत बात कहने पर उसे रोके और अपना फीडबैक दे कि ऐसा कहने पर उसे इन - इन समस्याओं से सामना भी करना पड़ सकता है। इन सभी प्वाइंट को आजमा कर देखिए आप दुनिया के बेस्ट पापा बन जाएंगें।