बिन बयाही मां ने की बच्चे के बाप की पिटाई
शादी किसी से, बच्चा किसी से
गांव बलम्भा महम निवासी एक महिला पिछले कई सालों से भिवानी के सैक्टर 23 में रह रही है और भिवानी रह कर वह सुबह शाम अधिकारियों के यहां चक्कर लगाती रहती है कि उन दोनों व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे न्याय दिलाया जाये। महिला का आरोप था कि वह भिवानी के राजकीय महाविद्यालय में कार्यरत ईश्वर के पास टयूश्र पढऩे के लिए जाया करती थी और संदीप भी ट्यूशन पढऩे के लिए ईश्वर के पास आता था।
शिक्षक ईश्वर ने उसके परिजनों से मिलकर संदीप को एमबीबीएस डॉक्टर बताते हुए रिश्ता तय करवा दिया और वर्ष 2000 में उसकी शादी हिन्दू रीति रिवाज के साथ करवाई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि शादी तो ईश्वर ने संदीप के साथ करवाई थी लेकिन ईश्वर यौन शोषण करता रहा। धीरे धीरे संदीप इस पूरी कहानी से गायब हो गया और ईश्वर जो कि भिवानी के राजकीय महाविद्यालय में लैक्चरर के पद पर तैनात था, अब पिछले सात सालों से सुदेश से भी नाता तोड़ चुका है। ईश्वर एवं संदीप दोनों ही शादीशुदा थे जिन्होंने सुदेश के साथ बेवफाई की।
बेटे को दिलाना है बाप का नाम
देखना होगा एनडी तिवारी के हाई प्रोफाइल मामले की तरह क्या इस मामले में पीडि़ता को इंसाफ मिल पाता है अथवा महिला का बेटा अपने पिता के नाम के लिए यूं ही दर दर भटकता रहेगा। रविवार को पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया था। महिला पहले ही थाने में पहुंच गई थी। सिविल लाईन थाने में जैसे ही ईश्वर पहुंचा तो महिला आग बबूला हो गई।
महिला को देखकर ईश्वर व उसके साथ आए व्यक्ति उससे बातचीत करने लगे तथा उसे मनाने का प्रयास करने लगे लेकिन जब महिला नही मानी तो ईश्वर तैश में आ गया। इस पर महिला ने भी उसका सही जवाब दिया तथा थाने में ही उसकी लात घुसों से पिटाई कर दी। वहां पुलिस भी मौजूद थी। पुलिस महिला को उस समय रोक नही पाई क्योंकि उनके पास कोई पुलिसकर्मी नही थी। वही जब ईश्वर से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर वे महिला को नही रख सकते लेकिन लीव एंड रिलेश्वन शीप के जरिए वे महिला को रख सकते है।
उन्होंने कहा कि वह लड़का अनिकेत भी उसका ही है। उसने बताया कि महिला को वह अपनाना चहाते है लेकिन कानूनी प्रक्रिया के कारण वे उसे नही रख सकते। वही महिला सुदेश का कहना था कि पिछले तीन माह से वह गायब है तथा आज जब थाने में आई तो ईश्वर ने उसे धमकी दी।
सुदेश का कहना है कि वह ईश्वर के साथ नहीं रहना चाहती क्योंकि वे कानूनी तौर पर नहीं रख सकते। उसका कहना है कि उसे इंसाफ चहिए। महिला अधिवक्ता कुसुम शर्मा का कहना है कि इस मामले में आरोपी प्राध्यापक के खिलाफ 376, 506, 120 बी एवं पहली पत्नी होते हुए दूसरी शादी रचाने वाले संदीप पर भी धारा 494 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिये। यही नहीं दोनों का डीएनए टैस्ट करवा कर महिला को न्याय दिलाना और बच्चे को बाप का नाम दिलाना पुलिस का कार्य है। उनका कहना था कि पुलिस भी मामले में लीपापोती कर रही है।