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ओलंपिक के गोल्ड मेडल में बड़ा झोल, नहीं है गोल्ड

By Belal Jafri
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london olympic
नयी दिल्ली। एक बहुत पुरानी कहावत है नाम बड़े और दर्शन छोटे यानी किसी चीज़ के बारे में ऐसा प्रचार की उससे बड़ी कोई चीज नहीं है मगर जब वो सामने आये तो सच्चाई कुछ और हो और उस चीज के बारे में किया जा रहा प्रचार एक कोरा झूठ साबित हो, खैर इस कहावत को सही चरितार्थ किया है ओलंपिक और उसमें मिलने वाले गोल्ड मेडल ने जिसमें गोल्ड नहीं है।

जी हां इस खबर को पढ़ने के बाद हो सकता है आपके मन में ये प्रश्न उठे की आखिर क्या माजरा है ? क्या हो गया है ओलंपिक गोल्ड मेडल को? आखिर कहाँ गया गोल्ड मेडल के अन्दर का गोल्ड। आइये हम आपको बताते हैं की आखिर बात क्या है।

लंदन ओलंपिक में विभिन्न स्पद्र्धाओं में पहला स्थान हासिल करने वाले खिलाडि़यों के लिये जिन विशिष्ट स्वर्ण पदकों को तैयार किया गया है उनमें चांदी की भरमार है जबकि सोना नाममात्र का है।

ओलंपिक के लिये मंच सज चुका है और पहले तीन स्थानों पर रहने वाले खिलाडि़यों के लिये पदक भी तैयार कर लिये गये हैं लेकिन हमेशा की तरह सोने के तमगों में सोना उतना ही रखा गया है जितना अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियमानुसार होना अनिवार्य है।

इस खेल महाकुंभ के लिये तैयार किये गये स्वर्ण पदक में सोने की मात्रा केवल 1.34 प्रतिशत है। सोने के तमगे में 92.5 प्रतिशत चांदी और 6.16 प्रतिशत तांबा है। रजत पदक में 92.5 चांदी और 7.5 प्रतिशत तांबा जबकि कांस्य पदक में 97 प्रतिशत तांबा, 2.5 प्रतिशत जिंक और 0 . 5 प्रतिशत टिन है।

ओलंपिक के दौरान 30 से ज्यादा स्थलों में 300 से अधिक पदक वितरण समारोह होंगे और इस दौरान लगभग 2100 पदक बांटें जाएंगे। लेकिन आयोजकों ने ओलंपिक और इसी दौरान होने वाले परालम्पिक के लिये लगभग 4700 पदक तैयार किये हैं ।

ब्रिटिश कलाकार डेविड वाटकिन्स ने मुख्य ओलंपिक जबकि लिन चीयुंग ने परालम्पिक के पदकों का डिजाइन तैयार किया है। वेल्स के पोंटिक्लन में रायल मिंट में इनका निर्माण किया गया है। स्वर्ण, रजत और कांस्य तीनों तरह के पदकों का व्यास 85 मिमी है। ये सात मिमी मोटे और इनका वजन 375 से 400 ग्राम तक हैं।यह ओलंपिक में अब तक के सबसे बड़े और वजनी पदक हैं।

कुछ रिपोर्टों के अनुसार ब्रिटेन ने ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे अपने खिलाडि़यों की पोशाक की जेब इस तरह से बनायी है ताकि उसमें यह पदक अच्छी तरह से आ जाए। इनमें से प्रत्येक पदक को बनाने में दस घंटे का समय लगा।

पदकों के निर्माण के लिये एक बड़ी और खास मशीन कोलोसस तैयार की गयी थी। दुनिया में इस तरह की केवल दो ही मशीनें हैं। इन पदकों के आगे वाले भाग में यूनान की देवी नाइकी को चित्रित किया गया है जिन्हें जीत की देवी माना जाता है। इसके पीछे वाले भाग में खेलों का लोगो, टेम्स नदी और कई रेखाएं हैं। ये रेखाएं खिलाडि़यों की उर्जा और साथ में खेलने की भावना को दर्शाती हैं।

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English summary
As per the specialist olympic gold medal are not made up of gold. The medal consist of silver and various other metals.
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