अब श्रीनगर में 'अपना घर' होने की आशंका
जम्मू-कश्मीर में दो दर्जन से ज्यादा यतीमखाने हैं, जहां आतंकवाद के शिकार परिवारों के अनाथ बच्चे रहते हैं। ये वो बच्चे हैं, जिनके माता पिता व अन्य घर वाले आतंकवदियों की गोली-बारूद का शिकार हो गये। जिंदगी की सबसे बड़ी मार झेलने के बाद इन बच्चों को अनाथालय में जीवन की आस दिखी तो यहां भी उन्हें यातनाएं दी जा रही हैं। इन यातनाओं का खुलासा तब हुआ जब श्रीनगर में एक पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। एक एनजीओ जब बच्चों को इनवाइट करने अनाथालय पहुंचा तो सभी बच्चे स्कूल गये थे। सिर्फ तीन बच्चे एक कमरे में पड़े करहा रहे थे।
एनजीओ की टीम ने जब उनसे सवाल किये तो बच्चों ने सिसकती हुई आवाज़ में बताया कि उन्हें पिन चुभोई जाती हैं, कहना नहीं मानने पर पीटा जाता है और कई-कई बार खाना नहीं दिया जाता है। एनजीओ ने तुरंत इसकी शिकायत महिला एवं बाल कल्याण विभाग को दी तो वहां से तुरंत एक टीम मौके पर पहुंची। तभी खुलासा हुआ कि कुछ बच्चों को तो इतनी यातनाएं दी गईं कि उनमें से एक के गुप्तांग से खून आने लगा तो दूसरे के सूजन आ गई। इस छापे में कई सबूत ऐसे मिले हैं, जिससे यह साबित हो रहा है कि यहां पर यौन शोषण होता रहा है।
एक कमरे में चल रहे अनाथालय के केयर टेकर ने ऐसी किसी भी घटना से इंकार किया है। वहीं बाल कल्याण विभाग ने अनाथालय के नाम का खुलासा नहीं करने की अपील की है, क्योंकि बिना आरोप तय हुए नाम बदनाम करना गलत होगा। साथ ही सरकार ने राज्य के सभी अनाथालयों में औचक निरीक्षण के निर्देश दिये हैं।