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सर्कस में करतब नहीं दिखायेंगे बच्‍चे, न बनेंगे जोकर

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No child artists and jokers in circus
चंडीगढ़। सर्कस को कोई देखे या नहीं लेकिन सरकार की नजर अब राज्स में लगने वाली सर्कस पर रहेगी। सर्कस में काम करले वाले 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यदि काम करवाया गया तो सर्कस संचालकों पर भारी भी पड़ सकता है। हरियाणा सरकार ने 'सर्कसों में कार्य से मुक्त कराए गए बच्चों का पुनर्वास' नामक एक नई योजना लागू की है ताकि प्रदेश में उपेक्षा, दुराचार, चोट, तस्करी, यौन शोषण और सभी प्रकार के शारीरिक शोषण से सर्कसों में काम करने वाले बच्चों की सुरक्षा की जा सके।

महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा की महानिदेशक सुमिता मिश्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 'बचपन बचाओ आंदोलन' के तहत सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में प्रदेश में इस योजना को शुरू किया गया है। इसके अतिरिक्त, सर्कसों में कार्य से मुक्त बच्चों के पुनर्वास के लिए सिफारिशें और दिशा-निर्देश भी जारी किये जाएंगे।

उन्होंने कहा कि इस नीति के अनुसार 14 वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे को सर्कस में काम करने की अनुमति नहीं होगी और सर्कस में कार्य करने वाले 14 वर्ष से अधिक की आयु वाले बच्चों के लिए मुल न्यूनतम जीविका की शर्तें बनाई रखनी अनिवार्य हैं। इन न्यूनतम जीविका शर्तों के अनुसार बच्चों की गोपनीयता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी है, इसलिए लड़की और लड़कों के लिए अलग से रहने के प्रबन्ध होने चाहिएं।

इसके अतिरिक्त, बच्चों के लिए अलग से बिस्तर और अलमारी, पर्याप्त रहने का स्थान, नियमित संतुलित खुराक, अध्ययन, खेल और मनोरंजन गतिविधियों के लिए निर्धारित समय के साथ मासिक रोस्टर होना चाहिए। सर्कस परिसर में उचित स्वच्छता व सफाई होनी चाहिए। प्रत्येक बच्चे का नियमित स्वास्थ्य कार्ड बनाया जाएगा। परिवार या माता-पिता के उचित सम्पर्क विवरण के साथ प्रत्येक बच्चे के प्रोफेशनल काऊंसलर के नियमित दौरे और उचित पारिवारिक हिस्ट्री भी बनाए रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि सर्कस में कार्य करने वाले बच्चे अब 18 वर्ष की आयु तक कम से कम दसवीं परीक्षा उतीर्ण की जानी चाहिए।

इस योजना के क्रियान्वयन के परीविक्षण के लिए सम्बन्धित उपायुक्त की अध्यक्षता में एक परीविक्षण कमेटी का गठन किया जाएगा। इस समिति के अन्य सदस्यों में सिविल सर्जन या उनका प्रतिनिधि श्रम विभाग का एक प्रतिनिधि, विशेष किशोर पुलिस इकाई का नोडल अधिकारी, डीसीपीएस का जिला बाल सुरक्षा अधिकारी, डीसीपीएस के तहत काऊंसलर, सिविल सोसाइटी के दो प्रतिनिधि तथा जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी शामिल होंगे। समेकित बाल विकास सेवा प्रकोष्टï के कार्यक्रम अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।

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English summary
Haryana government has strictly ordered the officials to rescue all the children working in circus. If any child found working in circus that owner will be in trouble.
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