दिल्ली में पारा पहुंचा 46.5 के पार
वैसे दिल्ली सरकार का दावा है कि वह बिजली की व्यवस्था में जुटी है पर लोकल फाल्ट से दिल्ली परेशान है। गौरतलब है कि बुधवार को भी सुबह से ही तेज धूप रही। अधिकतम तापमान 46.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले 24 घंटे में आद्र्रता अधिकतम 41 प्रतिशत और न्यूनतम 12 प्रतिशत रही। तेज धूप व गर्मी के कारण लोगों का बुरा हाल है। उधर, दिल्ली की गर्मी से राहत लेने के लिए शिमला पहुंचे लोगों का भी बुरा हाल है। शिमला का अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक है। शिमला में अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 19.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
नरकंडा, कुफरी, कसौली, मनाली, पालमपुर, चम्बा और डलहौजी जैसे पर्यटन स्थलों पर भी तापमान सामान्य से अधिक रहा। ऊना 42.8 डिग्री सेल्सियस के साथ हिमाचल का सबसे गर्म शहर रहा। धर्मशाला का अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जबकि यह न्यूनतम 23.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं आसमान से बरसती आग के बीच इस बार मानसून की गाड़ी भी लेट चल रही है। पांच सालों में पहली बार मानसून केरल तट पर 30 मई तक नहीं पहुंचा।
अब इसके 1 जून के बाद केरल पहुंचने की उम्मीद है। मानसून फिलहाल श्रीलंका पहुंचा है, जहां सामान्यतया 25 मई तक पहुंच जाता है। बीते दस दिनों से मानसून पांच दिन की देरी से आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने मानसून के 1 जून को केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, 2011 में मानसून भविष्यवाणी की तिथि 31 मई से दो दिन पहले केरल पहुंच गया था। इसी तरह 2010 में मानसून की आमद अनुमानित तारीख से एक दिन बाद हुई थी।
मौसम विभाग का कहना है अरब सागर में मानसून में एक हफ्ते की देरी सामान्य ही कही जाएगी। वहीं, अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण पूर्व अरब सागर, मालदीव व दक्षिण एवं मध्य बंगाल की खाड़ी में मानसून की रफ्तार से स्थिति सुधरने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने इस साल मानसून के सामान्य रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें 88 सेंटीमीटर बारिश की उम्मीद है। मौसम विभाग के अधिकारी प्रशांत महासागर में सतह के तापमान बदलावों के मद्देनजर अल निनो प्रभाव की आशंकाओं को भी स्वीकार कर रहे हैं। अगर अल निनो का जोर बढ़ा तो अगस्त और सितंबर में उम्मीद से कम बारिश हो सकती है और इसका असर खरीफ फसल के लिए परेशानी खड़ी करेगा। भारत में अधिकतर खेती बारिश पर निर्भर है और ऐसे में अल निनो की आहट किसान व अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर होगी।