क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

कहां गुम हो गये वो चलते फिरते प्रेत?

By Ajay Mohan
Google Oneindia News

Phantom
लखनऊ (इन्द्रमणि राजा)। आप लोगों को याद होगा कि हम लोग फैंटम नाम की कॉमिक को खूब मजे से पढ़ा करते थे। नीली पोशाक पहने नकाबपोश, कमर में दोनों तरफ दो पिस्टल, कमर में मोटी चमड़े की बेल्ट और उसपर लोहे के बक्कल पर खोपड़ी का निशान। साथ में एक सफेद घोड़ा और एक प्रशिक्षित भेडि़या भी। जी हां आ गया बेताल।

वह चलता फिरता प्रेत जो न तो कभी मरा है और न ही कभी मरेगा। उसमें कोई दैवीय शक्ति नही है लेकिन वह अपनी सूझ बूझ और ताकत से हवा के झोंके में आ जाता है। अपराधियों और जंगल के दुश्मनों का सफाया करने, अफ्रीका के 'बंगाला' देश के सीधे साधे लोगों की रक्षा करना जिसका उद्देश्य है। आज वही चलता फिरता प्रेत कही गुम हो गया है।

अमेरिका में हुई थी शुरुआत

दुनियां भर में मशहूर इस कॉमिक स्ट्रिप की शुरुआत एक अमेरिकी काटूनिस्ट और कहानी कार ली फ्लैक ने की थी। ली फ्लैक ने 17 फरवरी 1936 को फैंटम नाम के इस कार्टून स्ट्रिप की शुरुवात एक प्रतिदिन के अखबार से की। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए अखबार ने 29 मई 1939 को हर रविवार फैंटम की रंगीन कार्टून स्ट्रिप शुरु कर दी। जिसके बाद तो अखबार के साथ साथ फैंटम अमेरिका के समाज का सुपर हीरो हो गया। जो कि अपराधियों को सफाया करता है और कभी भी नही मरता क्योकि यह काम पीढी दर पीढी़ आगे बढ़ता रहता है।

धीरे-धीरे यह कॉमिक कैरेक्‍टर अमेरिका का हीरो बन गया और फिर पूरी दुनिया में छा गया। ली ने फैंटम को जब 1936 में लांच किया तो उसकी प्रस्तावना में उन्होंने एक कहानी बतायी जो पहलें कॉमिक स्ट्रिप की प्रस्तावन बनी।

भारत में भी फैंटम की कॉमिक का बोलबाला था। साठ से अस्सी के दशक में बेताल भारतीय बच्चों का सुपर हीरों था। रेल और बस के स्टेशनों पर किताबों के स्टालों पर इन किताबों का बिकना आम था। यही नहीं बेताल की फाईटिंग स्टाईल जिससे दुश्मन के मुंह पर खोपड़ी की निशान आ जाता है, वह वाली अंगूठियां खूब बिकती थी। अकसर बच्चे उस पर काजल लगा कर अपने मि़त्रों के चेहरे पर लगा देते थे। अब न ही तो वह बेताल है और न ही उस तरह की कॉमिक। हमारा बेताल कहीं गुम हो गया है। NEXT में पढ़ें फैंटम का इतिहास।

लेखक परिचय- इन्‍द्रमणि राजा, बच्‍चों के लिए निकलने वाले अखबार गुलेल के संपादक हैं।

Comments
English summary
As the readership of comics have gone down, people are forgetting famous characters like Phanton. Here is a feature on Phantom.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X