अगवा कलेक्टर को किसी भी समय छोड़ सकते है नक्सली
बीडी शर्मा ने बताया कि उन्हें संदेश मिला था कि माओवादी तीन मई को ताड़मेटला गांव में कलेक्टर मेनन को रिहा कर देंगे। माओवादी कलेक्टर मेनन को अपने मध्यस्थों को सौपेंगे। शर्मा ने बताया कि वे कलेक्टर मेनन को लेकर वहां से रवाना होंगे तथा राज्य सरकार के साथ संपर्क होने के साथ ही वे उन्हें अधिकारियों को सौंप देंगे।
एक सवाल के जवाब में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि वह पहले ही कहते रहे है कि इस समस्या का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से हो, लेकिन इससे पहले सरकार को कुछ मामलों में समझना होगा। इसके लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री रमन सिंह को एक पत्र भी सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि पहले से ही सवाल उठता रहा है कि बस्तर के खनिज और वहां के संसाधनों पर किसका हक है। वहां के आम आदमी और आदिवासी कहते हैं हमारा है और राज्य संसाधनों को अपना कहती है। इस समस्या को समाप्त करना होगा।
शर्मा ने कहा कि तथाकथित विकास के कारण आज वहां के आदिवासी अपने ही घर से बेघर हो रहे हैं। इसे भी रोकना होगा, क्योंकि आगे यह समस्या बढ़ सकती है। माओवादियों के मध्यस्थ प्राफेसर हरगोपाल ने कहा कि इस पूरे प्रकरण के दौरान उनकी कोशिश थी कि समस्या का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान हो और कलेक्टर मेनन की सुरक्षित रिहाई हो। अब कलेक्टर मेनन की सुरक्षित रिहाई हो रही है।
इसलिए राज्य सरकार को अपने किए गए वादों को पूरा करना चाहिए। हरगोपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने कलेक्टर मेनन की रिहाई के एक घंटे के भीतर समझौते को पूरा करने के लिए कार्रवाई शुरू करने की बात कही है। विश्वास है कि ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि किसी भी मामले के हल के लिए समिति बना दी जाती है और मामला वहीं का वहीं रहता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं होगा उम्मीद है।
हमें विश्वास है कि राज्य सरकार अपने किए गए वादों को पूरा करेगी तथा जेलों में बंद आदिवासियों को इससे राहत मिलेगी। वहीं राज्य सरकार पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा। इधर, मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव एन बैजेंद्र कुमार ने बताया कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि माओवादी कलेक्टर मेनन को कल रिहा करेंगे। खबरों के मुताबिक माओवादी मेनन को अपने मध्यस्थों को सौपेंगे। राज्य शासन मध्यस्थों को ताड़मेटला तक पहुंचाने के लिए पूरी मदद करेगी।