क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

बड़े-बड़े राडार भी नहीं पकड़ पाएंगे इस भारतीय मिसाइल को

Google Oneindia News

missile
नयी दिल्ली। अग्नि पांच परियोजना की सफलता के बाद भारत विकिरण विरोधी मिसाइल (एआरएम) बना रहा है जो दुश्मन के उन्नत चेतावनी प्रणाली को नष्ट कर प्रहार की क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) प्राथमिकता के आधार पर सर्वाधिक उन्नत मिसाइलों में शामिल एआरएम को विकसित करना चाहता है।

डीआरडीएल को मिसाइल अनुसंधान में विशेषज्ञता हासिल है। ऐसे मिसाइलों को सुखोई लड़ाकू विमान एसयू-30 एमकेआई पर लगाया जा सकता है। भारत को ऐसे 140 लड़ाकू विमान रूस से मिल चुका है और अगले कुछ समय में सौ और विमान मिलने की उम्मीद है। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे मिसाइल इलेक्ट्रो मैग्नेटिक विकिरण और उत्पन्न तरंगों का पता लगाकर किसी रडार का पता लगा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि ये रडार के तरंगों से अलग होंगे और उसे नष्ट करने में सक्षम होंगे। अमेरिका जैसी बड़ी शक्तियां ऐसे मिसाइलों का फिलहाल प्रयोग कर रही हैं। अमेरिकी वायु सेना ने उच्च गति विकिरण रोधी मिसाइलों का प्रयोग एफ-4जी वाइल्ड वीसल (एचएआरएम) पर किया और बाद में विशेष एफ-16 विमानों को इससे लैस किया।

गौरतलब है कि भारत की सबसे शक्तिशाली मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण गुरुवार की सुबह 8:05 बजे सफलापूर्वक किया गया था। इस परीक्षण के साथ भारत चीन, अमेरिका और रूस जैसे देशों में शामिल हो गया, जिनके पास इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलें हैं यानी वो मिसाइलें जो एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक वार कर सकती हैं। इस परीक्षण के बाद चीन समेत कई यूरोपीय देश भारत की जद में आ गये हैं।

डीआरडीओ के अधिकारियों के मुताबिक अग्नि-5 की लॉन्चिंग बुधवार को होनी थी, लेकिन उड़ीसा और हिंद महासागर के ऊपर घने बादल छाये रहने और मौसम खराब होने की वजह से परीक्षण टाल दिया गया था। इस मिसाइल को 10 हजार से ज्‍यादा वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया है। इसकी लंबाई 17 मीटर है और चौड़ाई 2 मीटर। यह एक टन का भार उठाकर कहीं भी जा सकती है।

हम आपको बता दें कि डीआरडीओ द्वारा वि‍कसित की गई यह देश की पहली इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है यानी पाकिस्‍तान और चीन समेत कई एशियाई, अफ्रीकी और यूरोपीय देश इसकी जद में होंगे। खास बात यह है कि यह मिसाइल एटम बम गिराने में भी सक्षम है, जिस वजह से दुनिया भर के तमाम देशों की निगाहें इस मिसाइल पर‍ टिकी हुई थीं। जाहिर है आज से ही विभिन्‍न देशों में इस पर बहस गर्म हो जायेगी।

मिसाइल को लेकर कई अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों के बीच बहस छिड़ गई है। चीनी मीडिया में पिछले कई दिनों से इससे संबंधित खबरें प्रकाशित हो रही हैं। इससे पता चलता है कि तमाम देशों में भारत की शक्ति को देख कौतूहल मच गया है।

इंटर-कॉन्टिनेंटल मिसाइलों की बात करें तो अभी तक केवल अमेरिका, चीन और रूस के पास ऐसी मिसाइलें हैं। अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद इसे 2014 तक सेना में शामिल कर लिया जायेगा।

Comments
English summary
After the success of Agni-V project, India is developing an Anti-Radiation Missile (ARM) which can hugely multiply the strike capabilities by destroying the enemy's advance warning system.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X