सु्ब्रमण्यिम स्वामी के आरोप निराधार: चिदंबरम
चिदंबरम ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि जनता पार्टी के प्रमुख की ओर से लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के रेकॉर्ड देखें तो एकदम साफ हो जाएगा कि उममें कोई देरी नहीं हुई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तथ्यों की पुष्टि किए बगैर आरोप लगा दिये गये।
विज्ञप्ति में कहा गया कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि एक जनवरी 2006 को मेसर्स ग्लोबल कम्यूनिकेशन सर्विसेज होल्डिंग्स (जीसीएसएच) लिमिटेड ने मेसर्स एयरसेल लिमिटेड में 26 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। जीसीएसएच ने 30 जनवरी 2006 को मेसर्स एयरसेल में हिस्सेदारी 26 फीसदी से बढ़ाकर 73.99 फीसदी करने के लिए आवेदन किया। आवेदन को लेकर सामान्य प्रक्रिया चली और संबद्ध मंत्रालयों और विभागों ने अपनी टिप्पणियों के लिए चार से छह हफ्ते का सामान्य समय लिया।
आगे कहा गया कि प्रस्ताव 17 फरवरी 2006 को वितरित अजेंडा नोट में शामिल था। सात मार्च को मामला एफआईपीबी की बैठक में आया। टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने बैठक में प्रस्ताव का समर्थन किया। एफआईपीबी ने उसी दिन प्रस्ताव को मंजूर करने की सिफारिश की और फाइल दस मार्च को उप सचिव ने आगे बढ़ा दी। एफआईपीबी की बैठक की कार्यवाही का ब्योरा तत्कालीन वित्त मंत्री के सामने 13 मार्च को रखा गया और उन्होंने उसे मंजूरी दे दी। वित्त मंत्रालय ने 20 मार्च को औपचारिक मंजूरी पत्र जारी किया। इन बातों से यह साफ है कि कोई देरी नहीं की गई।