तहलका कांड में दोषी बंगारू को 4 साल की कैद
सीबीआई ने अदालत से बंगारू को पांच साल की सजा देने का आग्रह किया था, इस मामले में सजा की अधिकतम सीमा भी पांच साल ही है। इसपर बंगारू ने गुहार लगाई थी कि इससे पहले उनके खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ था, और उनकी दो बाद सर्जरी भी हो चुकी है। इस कारण उनके स्वास्थ्य को देखते हुए नरमी से फैसला सुनाया जाए।
गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने शुक्रवार को रिश्वत मामले में बंगारू लक्ष्मण को दोषी करार दिया है। यह फैसला सीबीआई के विशेष अदालत ने सुनाया था। अभी कल (गुरूवार) तक भाजपा संसद सत्र के दौरान कांग्रेस को घेरती नजर आ रही थी लेकिन अब आज (शुक्रवार) कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा खुद भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरती नजर आ रही है।
दोषी करार देने के बाद बंगारू लक्ष्मण को सीबीआई ने अपनी हिरासत में ले लिया। सन 2001 में एक स्टिंग ऑपरेशन में बंगारू कैमरे के सामने धन लेते हुए पकड़े गये थे। उस समय बंगारू तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष के पद पर काबिज थे। 1 लाख रूपये रिश्वत लेते हुए उनको तहलका ने एक स्टिंग ऑपरेशन के द्वारा पकड़ा था।
यह वीडियो 13 मार्च 2001 को जारी किया गया था। जिसके बाद से राजनीतिक भूचाल आ गया था। तुरंत आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गयी थी, और भाजपा बंगारू के बचाव में आ गयी थी। आज भी सियासत कुछ वैसी ही गरमाई नजर आ रही है, लेकिन अब बचाव तो दूर भाजपा के किसी भी नेता का इस मुद्दे बयान भी नहीं आया है।
गौरतलब है कि तहलका डॉट कॉम के पत्रकारों ने बंगारू के सामने खुद को ब्रिटेल की वेस्ट एंड नाम के रक्षा कंपनी का एजेंट बताया था रक्षा सौदो के लिए उनसे सिफारिश किया था। उन्होंने उनसे आठ बाद मुलाकात की थी, और उनको रिश्वत लेते हुए कैमरे में कैद किया था। जिसके बाद आज उनको दोषी करार दिया गया है।