20 साल बाद अजमेर जेल में बंद पाक वैज्ञानिक चिश्ती को मिली जमानत
हत्या का मामला तब का है जब वह अजमेर की यात्रा पर आया था। न्यायालय इसके साथ ही चिश्ती के कराची वापस जाने देने के अनुरोध पर भी सुनवायी करने पर सहमत हुआ और उससे कहा कि वह इसके लिए अलग याचिका दायर करे। पीठ ने हालांकि चिश्ती से कहा कि वह अगले आदेश तक अजमेर छोड़कर नहीं जाए। पीठ ने आदेश देते हुए कहा, हम इस बात से संतुष्ट हैं कि जमानत पर रिहा किये जाने का मामला बनता है।
चिश्ती को जमानत पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों के बीच उनके मामले पर चर्चा होने के एक दिन बाद मिली है। चिश्ती के परिवार ने आज चिश्ती को जमानत पर रिहा करने संबंधी भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर खुशी जताई। चिश्ती की बेटी शोहा ने भावुक होकर मीडिया से कहा कि उन्होंने टीवी पर अपने पिता को जमानत पर रिहा करने की खबर देखी है। उन्होंने कहा कि हम सभी बहुत खुश हैं। मैंने घर पर आकर अपनी मां को बताया जिन्होंने विशेष नमाज अदा कर खुदा को शुक्रिया कहा।