पांच माओवादियों की रिहाई के लिए तैयार उड़ीसा सरकार
राज्य सरकार ने छह में से पांच को रिहा करने का फैसला किया है। राज्य सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए माओवादी नेता सब्यसाची पांडा ने कल धमकी दी थी कि अगर उनकी मांगें 96 घंटे के भीतर नहीं मानी गईं तो 54 वर्षीय इतालवी बंधक के साथ कठोर कदम उठाया जाएगा। पटनायक ने कहा कि फैसला करते वक्त इतालवी नागरिक की रिहाई के लिए बातचीत में मध्यस्थता कर रहे बी डी शर्मा और दंडपाणि मोहंती के नजरिए को ध्यान में नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि दोनों ने साफ तौर पर कहा था कि माओवादी छह लोगों आरती मांझी, मनमोहन प्रधान, सुका नचिका, चक्र तादिंगी, बिजय तादिंगी और शुभश्री दास की रिहाई चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सदन में राज्य सरकार के स्पष्टीकरण के मद्देनजर मैं एकबार फिर सव्यसाची पांडा के नेतृत्व वाले भाकपा माओवादी की ओडिशा राज्य संगठन समिति से अपील करता हूं कि वह इतालवी नागरिक को तुरंत तथा बिना कोई नुकसान पहुंचाए रिहा कर दे।
पटनायक ने लक्ष्मीपुर से बीजद विधायक झीना हिकाका की भी तत्काल रिहाई की अपील की। इससे पहले दिन में ओडिशा सरकार और माओवादी मध्यस्थों ने बोसुस्को की रिहाई के लिए माओवादियों की मांगों को पूरा कर संकट के समाधान के लिए नए सिरे से वार्ता की।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बोसुस्को के अपहर्ताओं द्वारा दिए गए अल्टीमेटम के मद्देनजर ओडिशा सरकार के प्रतिनिधियों और माओवादी मध्यस्थों के बीच नए दौर की वार्ता हुई। सूत्रों ने बताया कि हालांकि क्या बातचीत हुई यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा समझा जाता है कि दोनों पक्षों ने रिहा किए जाने वाले कैदियों के नामों पर विचार किया।
उन्होंने कहा कि मांगों को पूरा करने के लिए पांडा की ओर से लिखित समझौते पर जोर दिए जाने का मुद्दा भी बैठक में उठा। इस बीच, माओवादी आंध्र ओडिशा विशेष क्षेत्र समिति की ओर से कैदियों की रिहाई के संबंध में राज्य सरकार के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उसी ने हिकाका को बंधक बना रखा है।
गुरुवार
को
एक
माओवादी
नेता
ने
मीडिया
के
एक
तबके
को
फोन
करके
समयसीमा
सात
मार्च
तक
बढ़ाने
की
जानकारी
दी
थी।
पहले
यह
समयसीमा
पांच
मार्च
को
खत्म
होनी
थी।
यह
घटनाक्रम
इतालवी
नागरिक
और
विधायक
की
रिहाई
के
बदले
में
27
कैदियों
को
रिहा
करने
की
राज्य
सरकार
पेशकश
को
माओवादियों
द्वारा
खारिज
किए
जाने
के
एक
दिन
बाद
हुआ।