बच्ची को बंधक बनाने वाले डाक्टर दंपत्ति गिरफ्तार
जिला पुलिस उपायुक्त अनिल कुमार ओझा ने बताया कि एक सूचना पर पुलिस ने राजौरी गार्डन स्थित एक मॉल से डॉ. संजय वर्मा और डॉ. सुमीता वर्मा को गिरफ्तार किया है। दोनों 30 मार्च को बैंकाक से दिल्ली पहुंचे। इनके खिलाफ पुलिस ने एक अप्रैल को लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। इनके दिल्ली आने के करीब दो घंटे बाद मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन मीडिया से जानकारी होने पर दोनों गिरफ्तारी से बचने के लिए राजौरी गार्डन और रोहिणी में रह रहे थे। दोनों ने दो अप्रैल को द्वारका कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी। लेकिन अगले दिन अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी। पुलिस का कहना है कि नाबालिग नौकरानी के मेडिकल जांच में शरीर पर चोट का निशाने मिले थे। जिसके तहत उनके खिलाफ मारपीट की धारा लगा दी गई है। डाक्टर दंपति ने अदालत में अपने पर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है।
डाक्टर का दावा है कि वे नौकरानी को अपने साथ बैंकाक ले जाना चाहते थे, लेकिन उसने मना कर दिया। उनका कहना है कि जाने से पहले नौकरानी को पांच सौ रुपये और घर की चाबी दी थी, साथ ही एक चाबी पड़ोसी को भी दी थी। डॉ. सुमीता ने नौकरानी को विकासपुरी स्थित अपने मायके में भी रहने को कहा, लेकिन उसने द्वारका में ही रहने की बात कही थी। गौरतलब है 29 मार्च की शाम द्वारका सेक्टर-6 स्थित हनीमैन अपार्टमेंट से एक डॉक्टर दंपति के घर से नौकरानी को शक्ति वाहिनी संस्था के कर्मचारियों ने पुलिस के मदद से मुक्त कराया था। नाबालिग नौकरानी ने डाक्टर दंपति पर आरोप लगाया था कि दोनों उसे छह दिन से घर में बंधक बनाकर बैंकाक चले गए हैं और उसने तीन दिन से खाना नहीं खाया है। दंपति अकसर उसकी पिटाई करते थे। जांच में पता चला कि उसे पंजाबीबाग के एक प्लेसमेंट एजेंसी से काम पर रखा गया था। एजेंसी भी एक माह से बंद है। नौकरानी फिलहाल नारी निकेतन में है।