नतीजों से पहले ही सपा में सीएम पद को लेकर खींचतान
सूत्रों की मानें तो मुख्मंत्री पद को लेकर मुलायम के परिवार में भी विवाद गहराने लगा है तथा विरोधी विवाद को हवा देने में जुटे हैं। निजी चैनलों पर सपा को नम्बर एक पर दिखाये जाने से पार्टी के लोग इस कदर उत्साहित हो गये कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा इस पर चर्चा शुरू कर दी।
गौर करने की बात यह है कि इस विषय पर यादव परिवार ही दो खेमों में बंटा दिखाई दे रहा है। हालांकि श्री यादव और उनके सांसद पुत्र इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं। अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान यह जरूर कहा था कि पार्टी सत्ता में आई तो मुलायम सिंह यादव ही मुख्यमंत्री होंगें। हालांकि मुलायम सिंह यादव के भाई व पार्टी के नेताप्रतिपक्ष शिवपाल ने यह बात कह दी है कि मुख्यमंत्री तो नेताजी ही होंगे।
उधर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि सपा पूर्ण बहुमत में आयी तो अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है लेकिन यदि किसी पार्टी से गठबंधन करना पड़ा तो मुलायम सिंह यादव के सामने उसके शर्तो को मानना भी मजबूरी होगी। पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव और प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने स्पष्ट कहा है कि अखिलेश यादव मु यमंत्री के योग्य हैं।
उन्हें यह पद सौंपा जा सकता है लेकिन पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल सिंह यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां ने मुलायम सिंह यादव को मु यमंत्री बनाये जाने की वकालत की है। शिवपाल सिंह यादव ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि मुलायम सिंह यादव पार्टीजनों के स्वाभाविक पसन्द हैं। उनके नाम पर कोई टीका टिप्पणी का सवाल ही नहीं उठता।
उनके इस बयान का आजम खां ने भी समर्थन किया है। प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष भी निर्विवाद हैं। वह पार्टी के युवा चेहरा हैं और चुनाव से छह महीना पहले से ही पूरे राज्य का क्रान्तिरथ से दौरा कर समस्याओं को नजदीक से देखा और उसे दूर करने के नजदीक पहुंचने की कोशिश की। पार्टी को युवाओं का समर्थन मिलने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका रही है।
चौधरी ने कहा कि सपा सरकार बनने पर अखिलेश यादव को मु यमंत्री बनाया जा सकता है क्योंकि उनके अन्दर पूरी क्षमता विद्यमान है। पार्टी ने इस बात के भी संकेत दिये हैं कि यदि सरकार बनाने के लिए जरूरत पड़ी तो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी लिया जा सकता है।