मध्य प्रदेश: अब गरीब बच्चों की फीस सरकार देगी
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश भर में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा के लिए गंभीर प्रयास किए गए हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत अब प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं में 25 प्रतिशत स्थान कमजोर वर्ग और वंचित समूह के बच्चों के लिए निर्धारित कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि गैर-अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में प्रथम कक्षा, चाहे वह नर्सरी, केजी. अथवा पहली कक्षा हो, में प्रवेश लेने वाले ऐसे बच्चों की फीस सरकार द्वारा चुकाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि राज्य शिक्षा केन्द्र ने संपूर्ण प्रक्रिया के लिए एजुकेशन पोर्टल को मुख्य स्रोत बनाया है। इस आनलाइन व्यवस्था में ऐसे प्राइवेट विद्यालय अपनी संस्था में दर्ज बच्चों के प्रवेश, उपस्थिति आदि से संबंधित जानकारी की एंटी कर स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर तत्काल सूचित करेंगे। उन्होंने बताया कि स्कूलों की सुविधा के लिए एंटी संबंधी विस्तृत प्रक्रिया राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जिला एवं विकासखंड कार्यालयों के माध्यम से भी प्राइवेट शिक्षा संस्थाओं को उपलब्ध कराई जा रही है।