2जी स्पेक्ट्रम के मास्टरमाइंड हैं चिदंबरम-मनमोहन और एनडीए: ए राजा
ए राजा ने कहा कि दूरसंचार मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होने जितने भी लाइसेंस आवंटित किए उसकी जानकारी खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को थी। इसके अलावा गृहमंत्री पी चिदंबरम जो कि उस समय वित्त मंत्री थे ने डीबी रियल्टी के साथ हुए समझौते को हरी झंडी दी थी। इस पूर्व दूरसंचार मंत्री ने यह भी कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम के मामले में खुद प्रधानमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्हें पूरे मामले की जानकारी थी। सीबीआई जज ओपी सेनी के सामने पेशी के दौरान ए राजा ने कहा कि 2जी लाइसेंस की नीलामी में उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की थी।
ए राजा ने कहा कि अगर लाइसेंस आवंटन की उनकी पॉसिली गलत हैं तो इसके लिए 1993 के बाद के सभी दूरसंचार मंत्रियों को जेल में होना चाहिए क्योंकि उन्होंने उसी हिसाब से लाइसेंस बांटे जैसे पहले के दूरसंचार मंत्रियों ने बांटे थे। फिर उन्हें ही जेल में क्यों भेजा गया। ए राजा ने अपने कार्यकाल में 112 लाइसेंसों का आवंटन किया था। वहीं दयानिधि मारन ने 25 जबकि अरुण शौरी ने एनडीए के शासन काल में 26 लाइसेंसों का आवंटन किया था। हालांकि इनमें से किसी ने स्पेक्ट्रम का आवंटन नहीं किया था।
ए राजा ने कहा कि उन्होंने 2003 में आए केबिनेट के उस फैसले का पालन किया था जिसमें 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पर रोक लगाई गई थी। इस मामले में अगर किसी और को सजा नहीं दी गई तो उन्हें क्यों आरोपी बनाया जा रहा है। राजा ने कहा कि दूर संचार मंत्री के रूप में उन्होंने मोबाइल को आम लोगों तक पहुंचाया था। उस समय कॉल रेट भी बहुत कम हो गए थे। राजा ने कहा कि इस मामले में वे बिल्कुल बेकुसूर हैं और अगर उन्हें सजा दी जा रही है तो फिर उन सभी को दोषी ठहराया जाना चाहिए जिनको इनकी जानकारी थी।