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हमारी और आपकी आंखों देखी

By Ajay Mohan
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Eyes
आंखों देखी- इस पृष्‍ठ के शीर्षक को पढ़कर अपको लगा होगा शायद कोई कैमरा सीधे आपको देश-दुनिया की खबरों से रू-ब-रू करा रहा हो, लेकिन ऐसा नहीं है। यहां हम अपनी और आपकी आंखों के सामने हुई ऐसी घटनाओं की चर्चा करेंगे, जो भले ही देश, अर्थ, राज्‍य, अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर की खबर नहीं है, लेकिन उसमें कोई बहुत बड़ा सामाजिक तथ्‍य छिपा है।

हम बात करेंगे आपके सामने या आपके साथ घटित उन घटनाओं की जो हमारे आस-पास के लोगों, समाज और सरकार के बारे में कुछ कहती है। उन घटनाओं की जो भाग-दौड़ और तनाव से भरी इस जिंदगी में मुस्‍कुराहट भरे दो पल देती है। अपने सामने हुईं घटनाओं को आधार बनाकर हम तमाम सवाल उठा सकते हैं, किसी की ईमानदारी दुनिया के सामने रख दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं।

जीवन के उन पलों को दुनिया से बांटेंगे, जिन्‍हें अपने मित्रों को बता कर दो पल के लिए चेहरे पर हंसी आ जाती है, उन पलों को शेयर करेंगे, जिन्‍हें सुनकर लोगों की आंखें खुली की खुली रह जाती हैं। उन घटनाओं को प्रस्‍तुत करेंगे जो भावनाओं को झकझोर कर रख देती हैं, उन घटनाओं को परोसेंगे, जो कुछ पल के लिए रोंगटे खड़ी कर देती हैं...

आप भी जु‍ड़ें हमारे साथ

हम यहां सिर्फ अपने रिपोर्टरों की आंखों देखी नहीं प्रस्‍तुत करेंगे, बल्कि अपने हर उस पाठक के सामने हुई घटनाओं को परोसेंगे, जो वाकई में कुछ कहती हों। यदि आप तस्‍वीर भेजेंगे तो आपकी आंखों देखी हम फोटो के साथ प्रकाशित करेंगे।

हिन्‍दी टाइपिंग नहीं आती? कोई बात नहीं

यदि हिन्‍दी टाइपिंग आती है तो बहुत अच्‍छी बात है, यदि नहीं तो कोई बात नहीं आप अपना लेख गूगल ट्रांसलिटरेटर (http://www.google.com/transliterate/) पर रोमन (अंग्रेजी अक्षरों) में लिखें, वह उसे स्‍वत: हिन्‍दी में परिवर्तत कर देगा। हमें पता है, उसमें स्‍पेलिंग की गलतियां होंगी, उससे आप निश्चिंत रहें। हम उसमें सुधार कर लेंगे, क्‍योंकि हम नहीं चाहते कि हिन्‍दी टाइपिंग हमारे और आपके बीच में बाधा बने।

आप अपनी आंखों देखी subject- First Person के साथ [email protected] पर ई-मेल करें। साथ में अपनी एक फोटो अटैच करके भेजें। लेख की शुरुआत या अंत में अपना नाम एवं पूरा पता लिखना मत भूलें।

क्‍या स्‍वीकार, क्‍या नहीं?

हम ऊपर दी हुई सभी बातों को आपकी आंखों देखी में स्‍वीकार करेंगे। रही बात स्‍वीकार नहीं करने की तो वो हैं किसी व्‍यक्ति विशेष, समाज, धर्म, संस्‍था, आदि को बदनाम करना। किसी प्रकार के फीचर या भाषणबाजी आंखों देखी के अंतर्गत स्‍वीकार नहीं किये जाएंगे।

ब्‍लॉग क्‍यों नहीं, आंखों देखी ही क्‍यों?

आप सोच रहे होंगे कि आप अपनी आंखों देखी अपने ब्‍लॉग पर भी लिख सकते हैं, लेकिन वह सिर्फ आपके कुछ मित्र ही पढ़ सकेंगे, और यदि आप वनइं‍डिया हिन्‍दी को अपनी आंखों-देखी भेजेंगे तो दुनिया भर के लोग पढ़ेंगे और आपकी बात चर्चा का विषय बनेगी।

संपादक
वनइंडिया- हिन्‍दी

Comments
English summary
Everyday many things happened in front of our eyes but we don't care because that couldn't be news, but every happening has its social value, some kind of news or humour which you can share with world. Here you can read such kind of articles directly related to you and other readers. You can even be a part of this. So start sending your incident today.
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