एमपी: मोरों की मौत के बाद बियर फैक्ट्री सील
जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने अपने आदेश में कहा है कि जिले के ग्राम निरावली में विगत 23 अप्रैल को 26 मोर मृत पाया गया। इस संबंध में वन संरक्षक एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट की जाँच में पाया गया कि कि उक्त बीयर फैक्ट्री से निकले दूषित पानी पीने से मोरों की मौत हुई। साथ ही इस जहरीले पानी से आसपास की उपजाऊ भूमि खराब हो रही है तथा वातावरण प्रदूषित होने से गंभीर बीमारियों के फैलने की आशंका बढ रही है।
रविवार को भी यहाँ 19 मोर मृत अवस्था में पाए गए थे। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने निरावली के पास एबी रोड पर जाम लगा दिया था। दस दिनों के अंदर ही दूसरी बार निरावली गाँव में मारों की बड़ी संख्या में हुई मौत से गुस्साए स्थानीय नागरिकों ने मोरों की मौत के लिए जिम्मेदार रायरू डिस्टलरी को यहाँ से तत्काल हटाए जाने की मांग की थी। जिससे न्यूसेंस की स्थिति उत्पन्न हुई है।
कलेक्टर उक्त फैक्ट्री के कारण होने वाले न्यूसेंस को हटाने हेतु फैक्ट्री का संचालन तत्काल बंद करने के आदेश दिये हैं। साथ ही 11 मई को 4 बजे उनके कोर्ट में उपस्थित होने के लिये फैक्ट्री के प्रबंधक को आदेशित किया है। उन्होंने प्रबंधक को आदेश दिया है कि उपस्थित होकर इस बात का कारण दर्शित करने कि इस आदेश को क्यों न अंतिम रूप दिया जाये। उन्होंने फैक्ट्री बंद करने के लिये एस डी एम को आदेशित किया है।
यहाँ दस दिन पूर्व मृत पाए गए मोरों की विसरा रिपोर्ट आ जाने के बाद ही मोरों की मौत के कारण की वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा। तब तक बियर फैक्ट्री का डिस्टलरी प्लांट बंद रहेगा। अगर विसरा रिपोर्ट में मोरों के मरने का कारण इस फैक्ट्रीका पानी पाया गया तो फैक्ट्रीबंद करने की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि इन मोरों का पोस्टमार्टम करने के बाद इनका विसरा जाँच के लिए सागर एवं जबलपुर की लैब में भेजा गया था। वन विभाग का कहना है कि विसरा रिपोर्ट आने में लगभग एक माह का समय लगेगा।