लज्जतदार ज़ायके से भरा है 'चीज़'
आइये आज जानते हैं कि आखिर चीज में ये स्वाद आता कहां से हैं-
पूरी दुनिया में अपने अनूठे स्वाद के लिए मशहूर चीज़ अलग-अलग देशों में विविध रूपों, रंगों और ज़ायकों में इस्तेमाल किया जाता है। प्रोटीन और वसा से भरा चीज़ बेहद हेल्दी होता है, ये बात और है कि मोटे लोगों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा भी होता है। चीज़ की सैकड़ों वेराइटी हैं। आमतौर पर दूध को नींबू, सिरका या कुछ खट्टा डाल कर एसिडिक कर चीज़ बनाते हैं। इससे दूध में मौजूद शुगर लैक्टिक एसिड में बदल जाती है। चीज़ में प्रोटीन और फैट के अलावा कैल्शियम, विटामिन और फॉस्फोरस भी खूब होता है।
हिस्ट्री
ये बताना काफी मुश्किल भरा है कि चीज़ सबसे पहले दुनिया के किस हिस्से में बनना शुरू हुआ लेकिन हां ये तय है कि चीज़ के ज़ायके ने सबसे पहले यूरोप को अपनी चपेट में लिया। यूरोप चीज़ के स्वाद में रोमन साम्राज्य के समय से ही पूरी तरह से खो गया। यूरोप में चीज़ के ज्यादा पॉपुलर होने का कारण वहां की ठंडी जलवायु है। वहां मध्य एशिया के मुकाबले चीज़ को स्टोर करने के लिए कम नमक का इस्तेमाल करना पड़ता है और खराब भी बहुत देर से होता है।
वैसे माना जाता है कि सबसे पहले चीज़ मध्य एशिया के किसी तुर्की कबीले के लोगों द्वारा बनाया जाता था। इसे 800 ईसा पूर्व से पहले का माना जा सकता है। मिस्र सभ्यता में यानी करीब 200 ईसा पूर्व पहले भी चीज़ के इस्तेमाल किये जाने के भरपूर साक्ष्य मिले हैं। रोमन साम्राज्य से लेकर मा नव सभ्यता के हर युग ने चीज़ का स्वाद चखा और सराहा। ग्रीक सभ्यता तो चीज़ की दीवानी थी लेकिन समय-समय के साथ-साथ इंसान ने चीज़ के साथ नये-नये प्रयोग कर उसके विविध प्रकार और गंध भी ईजाद की।
वेराइटी
इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन के मुताबिक चीज की दुनिया भर में 500 से अधिक वेराइटी हैं। चीज़ की वेराइटीज का वर्गीकरण इनके काल, बनाने के तरीकों, टेक्सचर या आकार और वसा के आधार पर किया जाता है। इसके वर्गीकरण के लिए बहुत से मानक होते हैं पर सामन्यतया मॉयस्चर कंटेंट, फ्रेशनेस, कंटेंट और बनाने के तरीके के जरिए इसकी क्वालिटी आंकी जाती है।
स्रोत - विकीपीडिया