'शादी से पहले कुंडली के साथ रक्त का मिलान भी करें'
रक्त सम्बंधी अनुवांशिक बीमारियों पर विचार-विमर्श के लिए गुरुवार को यहां के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में 'हिमेटोलॉजी अपडेट-2011' का आयोजन किया गया। इस मौके पर मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री महेंद्र हार्डिया ने कहा कि हिमेटोलॉजी, थैलेसीमिया, सिकलसेल एनीमिया, हीमोफीलिया जैसी ऐसी बीमारियां वंशानुगत होने के साथ-साथ बच्चों में भी पाई जाती है।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले जरूरी है कि इन बीमारियों की रोकथाम, फैलने की वजह तथा उससे संघर्ष करने की भावना जगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए।
हार्डिया ने कहा कि शादियों से पहले लड़के-लड़की की नाड़ी, जन्मपत्री आदि का मिलान करने की परंपरा रही है, मगर उसे अंधविश्वास करार देकर कई लोग इसे खारिज करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस परंपरा का वैज्ञानिक आधार है। आज जरूरत इस बात की है कि शादी से पहले लड़के-लड़की के रक्त का मिलान किया जाए।
इस मौके पर मेंदाता इंस्टीट्यूट ऑफ नई दिल्ली से आए हिमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. अनिल हांडू ने भी रक्त मिलान को अनुवांशिक रोगों को रोकने में मददगार बताया। रक्त सम्बंधी अनुवांशिक बीमारियों तथा उन पर काबू पाने के लिए अब तक खोजी गई तकनीकों पर डा. राहुल भार्गव, डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव, सिम्मी दुबे, डा. नीलकमल कपूर ने चर्चा की।