भूमि है नहीं, हो गई 1000 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री!
जानकारी के मुताबिक रायसेन जिले में ऐसी 1000 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री हुई है जो अस्तित्व में है ही नहीं। रजिस्ट्री फर्जी खसरा नंबर और फर्जी ऋण पुस्तिकाएं बनाकर कराई गई है।
रायसेन के अनुमंडल अधिकारी (एसडीएम) जी.एल. धुर्वे के मुताबिक रजिस्ट्री दिल्ली और जयपुर की कंपनी के नाम कराई गई है। फिलहाल 350 एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने का खुलासा हो चुका है। अनुमान है कि सिर्फ रायसेन के पंजीयन कार्यालय से लगभग 1000 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है जो अस्तित्व में ही नहीं है।
धुर्वे ने बताया कि रजिस्ट्री में पूरी स्टाम्प ड्यूटी अदा की गई है, इसलिए आशंका है कि इस रजिस्ट्री का गलत उपयोग भी हो सकता था। मामले की जांच जारी है।
बताया गया है कि रजिस्ट्री के बाद क्रेता कंपनी के हक में इकरारनामा, मुख्त्यारनामा, वसीयतनामा, कब्जापत्र और शपथपत्र तैयार कर नोटरी करा लेते हैं। नियम के मुताबिक किसी जमीन की रजिस्ट्री पंजीयन कार्यालय में तब होती है जब उसमें सम्बंधित क्षेत्र के पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा प्रमाणित खसरा संलग्न होता है।
आशंका है कि अगर नियमों को ताक पर रखकर रजिस्ट्री की गई है तो इसमें कुछ सरकारी अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।
प्रारंभिक जांच में सिर्फ रायसेन उप पंजीयन कार्यालय से ही 1000 हजार एकड़ जमीन की रजिस्ट्री का मामला सामने आया है, जबकि जिले में दो और उप पंजीयन कार्यालय हैं। इसलिए इस घोटाले में कई और खुलासे होने की संभावना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।