ब्रिटिश मंत्री भारत के 7 दिवसीय दौरे पर
ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा जारी एक बयान में विलेट्स ने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री ने संयुक्त बयान में शिक्षा को प्राथमिकता सूची में रखा है। शिक्षा के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच काफी लंबे समय से सहयोग रहा है लेकिन अब इस क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं।"
इस साल ब्रिटिश मंत्री का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले वह जुलाई में भारत आए थे।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित उच्च शिक्षा सम्मेलन में भाषण देने के बाद वह प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और भारत-ब्रिटेन शिक्षा फोरम की सह अध्यक्षता करेंगे।
इसके अलावा वह योजना आयोग के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गुड़गांव का दौरा करेंगे।
विलेट्स ने कहा, "पिछले साल ब्रिटेन की कई संस्थाओं के साथ शोध के लिए दोनों देशों ने संयुक्त रूप से 3 करोड़ पाउंड की राशि सुनिश्चित की थी। दोनों देशों के समक्ष मौजूद चुनौतियों का सामना और उनका समाधान आपसी सहयोग के जरिए किया जा सकता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।