अमन काचरू रैगिंग : कब क्या हुआ
वर्ष 2009
सात मार्च : प्रथम वर्ष के मेडिकल छात्र अमन काचरू के साथ वरिष्ठ छात्रों ने निर्मम रैगिंग की।
आठ मार्च : रैगिंग की वजह से घायल अमन ने शाम करीब सात बजे दम तोड़ दिया।
10 मार्च : वरिष्ठ छात्र अजय वर्मा, नवीन वर्मा, अभिनव वर्मा और मुकुल शर्मा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत गिरफ्तार किया गया।
14 मार्च : अमन मामले में न्याय की मांग करते हुए सैकड़ों लोगों ने दिल्ली और टांडा में कैंडल लाइट मार्च निकाला।
16 मार्च : सर्वोच्च न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और कुलसचिव के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान कारण बताओ नोटिस जारी किया और राज्य सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण देने को कहा।
18 मार्च : इस मामले में जांच करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की तीन सदस्यीय टीम कॉलेज पहुंची।
28 मार्च : सरकार द्वारा कराई गई मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट में बताया गया कि रैगिंग में जख्मी होने के कारण अमन की मौत हुई थी।
30 मार्च : शीर्ष अदालत के आदेश पर कॉलेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य सुरेश संख्यान को निलंबित कर दिया गया।
नौ अप्रैल : उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिग रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित राघवन समिति ने अमन मामले में छानबीन के लिए एक तीन सदस्यीय उप समिति का गठन किया।
13 अगस्त : धर्मशाला में एक त्वरित न्यायालय ने चारों छात्रों के खिलाफ हत्या का आरोप तय किया।
17 अगस्त : विधानसभा में 'हिमाचल प्रदेश शैक्षणिक संस्थानों (रैगिंग निरोधक) अधिनियम 2009' को पारित किया गया। इसमें प्रावधान किया गया कि रैगिंग के मामले सं™ोय और गैर जमानती होंगे।
22 अगस्त : अमन रैगिंग मामले में अदालती सुनवाई शुरू
वर्ष 2010
17 जुलाई : 16 महीने की हिरासत के बाद निचली अदालत ने आरोपियों को जमानत दे दी।
22 जुलाई : हिमाचल प्रदेश की उच्च न्यायालय ने जमानत पर स्वयं संज्ञान लिया।
दो अगस्त : अदालत ने फिर से सुनवाई शुरू की।
28 अगस्त : अमन के पिता राजेंद्र काचरू ने अदालत में पहली बार बयान दिया।
28 अक्टूबर : अदालत में अंतिम सुनवाई शुरू।
30 अक्टूबर : अदालत ने 11 नवम्बर तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा।
11 नवम्बर : अदालत ने अमन रैगिंग और हत्या मामले में चारों आरोपियों को दोषी ठहराया। दोषियों को चार साल जेल की सजा और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।