पुर्तगालियों के आगमन समारोह का विरोध

By Staff
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पणजी, 11 नवंबर (आईएएनएस)। गोवा के स्वतंत्रता सेनानी एक बार फिर सड़क पर उतरने के लिए तैयार हैं। पहले उन्होंने राज्य में पुर्तगाली शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और इस बार वे पुर्तगालियों के आगमन के 500 वीं वर्षगांठ मनाने की बड़ी योजना का विरोध कर रहे हैं।

कोई 1,000 से अधिक बुजुर्ग स्वतंत्रता सेनानियों ने मांग की है कि राज्य सरकार को गोवा में पुर्तगालियों के आगमन की 500वीं वर्षगांठ के समारोहों के साथ ही पुर्तगालियों के सबसे बड़े नौसैनिक पोत, एनआरपी सागर्स का भी बहिष्कार करना चाहिए, जो कि शुक्रवार को राज्य में पहुंचने वाला है।

गोवा स्वतंत्रता सेनानी संघ (एफएफएजी) के प्रवक्ता नागेश करमाली (71) ने सवाल किया, "उत्पीड़कों के आगमन का समारोह भला कोई कैसे मना सकता है।"

करमाली ने आईएएनएस से कहा, "हम इसका विरोध करेंगे। राज्य सरकार हमें सलाखों के पीछे बंद करे और फिर पुर्तगालियों के आगमन की 500वीं वर्षगांठ मनाए।"

एफएफएजी की कार्यकारी समिति के सदस्य चंद्रकांत पेडणेकर (77) ने कहा कि उम्र की परवाह किए बगैर स्वतंत्रता सेनानी अपनी छड़ी को लाठी के रूप में इस्तेमाल करेंगे और गोवा को पुर्तगालमय बनाने की किसी भी कोशिश को एक बार फिर रोकेंगे।

पेडणेकर ने कहा, "राजधानी की सड़कों का नामकरण एक बार फिर पुर्तगाली शासकों के नाम पर करने की कोशिश की जा रही है। हम इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए अपनी छड़ियों को लाठी की तरह इस्तेमाल करने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे।"

इस समारोह की पहल पुर्तगाली सरकार ने की है और राज्य सरकार इसमें सहयोग कर रही है। दिसम्बर तक चलने वाले समारोहों के तहत गोवा विश्वविद्यालय में एक फिल्म समारोह और पुर्तगाली कवि लुईज डी कैमोज के नाम पर स्थापित व्याख्यान श्रृंखला जैसे कई सारे कार्यक्रम कतार में हैं।

गोवा में पु़र्तगाल के महावाणिज्य दूत एंटोनियो सेबिदो कोस्टा के अनुसार नौसेना के पोत का पहुंचना अपने आप में एक बड़ा आयोजन है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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