विश्वास का सर्किट जोड़ें फिर देखें चमत्कार!

By Staff
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नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। यदि हम इस बात पर विश्वास कर रहे हैं कि जो भी हो रहा है, अच्छा हो रहा है और अच्छे के लिए हो रहा है तो हमें वैसे ही सबूत मिलेंगे। हर एक की 'अच्छे' की परिभाषा अलग है। आपकी अच्छे की जो भी परिभाषा होगी, वैसे सबूत आपको मिलेंगे।

अगर आपने यह निश्चित किया कि अच्छा यानी 'आत्मसाक्षात्कार, आत्मसाक्षात्कार से कम नहीं' तो वह आपको प्राप्त होगा ही, फिर वैसे सबूत भी आपको मिलेंगे। तात्पर्य यह कि तार निकलने से जो लूज कान्टैक्ट हुआ है, उसे जोड़ें। सर्किट पूरा करें और फिर देखें चमत्कार!

जैसे एक भिखारी के कटोरे में लोग दस पैसे डाल रहे थे। मगर एक इंसान ने उसके कटोरे में चवन्नी डाल दी तो वह भिखारी के लिए बड़ी बात हो गई। किसी इंसान ने उसके कटोरे में एक रुपये का सिक्का डाला तो उसके लिए वह और भी अच्छा हो गया। अर्थात भिखारी के लिए 'अच्छे' की परिभाषा अलग है।

एक इंसान, जिसे यह पता है कि उच्च ज्ञान से कम कुछ भी अच्छा नहीं है तो वह उसी को पीने की हर संभव कोशिश करेगा। वह ईश्वर से अब यही प्रार्थना करेगा कि उसे 'ईश्वर ही चाहिए'। ज्ञान मिलने से पहले तो उसे ऐसा लगता था कि ईश्वर से कुछ चाहिए, मगर ज्ञान मिलने के बाद उसे यह महसूस होता है कि ईश्वर से कम भी नहीं चाहिए और ज्यादा भी नहीं चाहिए, क्योंकि अब वह यह जान चुका है कि ईश्वर से ज्यादा कुछ भी नहीं है और ईश्वर से कम तो कुछ अच्छा है ही नहीं।

इस उदाहरण से आप यह समझें कि आपको जैसा सबूत चाहिए, आप वैसा विश्वास रखेंगे तो वैसा ही पाएंगे। इसलिए जरूरी है कि आप उस विश्वास को प्रकट करें।

आज तक आप विश्वास करते आए हैं कि 'जो भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है' तो इसके सबूत आपको मिलते रहे हैं। आपको क्या करना है, यह बात अगर आप समझ गए तो सब आसान हो जाएगा। आप अपने अंदर से वह विश्वास प्रकट होने दीजिए और इस प्रक्रिया में स्वयं की मदद कीजिए। विश्वास प्रकट होने में आप अपनी तरफ से अपनी पूरी भूमिका निभाएं, प्रतिफल जरूर मिलेगा और सकारात्मक मिलेगा।

इन बिंदुओं पर मनन करें :

* आप जैसा विश्वास रखते हैं, वैसे सबूत आपको मिलते हैं।

* अगर लोग आपके साथ अच्छा या बुरा व्यवहार कर रहे हैं तो कहीं न कहीं उसके लिए आप ही जिम्मेदार हैं।

* कभी-कभी अवस्था, व्यवस्था और स्थान के अनुरूप विश्वास प्रकट होता है।

* मन ही मन विश्वास के साथ सोचिए किईश्वर की कृपा आप पर बरस ही रही है। जब आप अपने अविश्वास का छाता हटा देंगे तब आपके जीवन में भी चमत्कार शुरू होंगे।

* हर इंसान की अच्छे की परिभाषा अलग-अलग है। अच्छे की परिभाषा आप अने हिसाब से समझें।

* ज्ञान से आए हुए विश्वास से आप यह यकीन रखेंगे कि दुनिया खूबसूरत है तो वैसे सबूत भी आपको मिलेंगे।

* अगर आपने यह निश्चित किया कि आपके लिए अच्छा वही है जो 'आत्मसाक्षात्कार, आत्मसाक्षात्कार से कम नहीं' तो आपको वैसा ही प्रतिफल अवश्य प्राप्त होगा।

(डायमंड पॉकेट बुक्स प्रा. लि. द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'आत्मविश्वास सफलता का द्वार' से साभार)

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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