नस्लवादी ईमेल आक्रामक और अस्वीकार्य: आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त (लीड-2)
वर्गीज को यहां विदेश मंत्रालय ने तलब किया था और विक्टोरिया के पुलिस अधिकारियों द्वारा भेजे गए नस्लवादी ईमेल के मामले में गंभीर चिंता व्यक्त की थी।
इस ईमेल के जरिए प्रसारित किए गए वीडियो में एक भारतीय रेलयात्री को करंट लगने का मखौल उड़ाया गया है और सुझाव दिया गया है कि मेलबर्न में भारतीय छात्रों की समस्या को इसी तरीके से सुलझाया जा सकता है।
वर्गीज ने साउथ ब्लॉक में पत्रकारों से कहा कि इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की गई है।
उन्होंने कहा, "यह ईमेल आक्रामक और अस्वीकार्य है और यह विक्टोरियाई समुदाय के मूल्यों के पूर्णतया खिलाफ है।"
वर्गीज ने कहा, "इस घटना में दो पुलिसकर्मी शामिल थे, इनमें से कोई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नहीं है। मैं नहीं समझता कि दो पुलिसकर्मियों के काम के लिए पूरी विक्टोरियाई पुलिस को दोषी ठहराना चाहिए।"
वहीं मंत्रालय ने विक्टोरिया प्रांत की कानून लागू करने वाली एजेंसियों के भारतीयों के प्रति पूर्वाग्रही रवैए पर चिंता जताई।
विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, "उन्हें (आस्टेलियाई उच्चायुक्त) बताया गया है कि आस्ट्रेलिया की कानून प्रवर्तक एजेंसियों के एक वर्ग में भारतीयों को लेकर पूर्वाग्रह की स्थिति गंभीर चिंता का विषय है।"
बयान में कहा गया, "किसी भी समाज में इस तरह के व्यवहार और नजरिए के लिए कोई जगह नहीं है।"
मंत्रालय में सचिव (पूर्व) विजय लता रेड्डी ने भारत सरकार की ओर से वर्गीज से यह बात कही।
उन्होंने कहा, "भारत उम्मीद करता है कि आस्ट्रेलिया भारतीय मूल के सभी लोगों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए जरूरी और प्रभावी कदम उठाएगा।"
बयान के मुताबिक आस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने भारतीय अधिकारियों से कहा कि आस्ट्रेलिया ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने इस मामले में विक्टोरिया प्रांत के गवर्नर और विक्टोरिया के मुख्य पुलिस आयुक्त के बयानों की प्रतियां भी भारतीय अधिकारियों को सौंपीं।
मुख्य आयुक्त सिमोन ओवरलैंड ने कहा कि ईमेल परेशान करने वाला और आक्रामक है।
विक्टोरिया प्रांत के गवर्नर जॉन बुरुम्बे ने शुक्रवार को इस नस्लीय संदेश के प्रसार की निंदा की।
उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह आक्रामक और विक्टोरियाई समुदाय के मूल्यों के खिलाफ है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र संगठन के प्रवक्ता ने कहा, "यह बेहद नृशंस है कि कोई पुलिस अधिकारी किसी की मौत पर मजाक करे। मैं अचंभित हूं, यह बेहद भद्दा मजाक है।"
समाचार पत्र के मुताबिक इस मामले में पुलिस के कई उच्च अधिकारी फंसे हैं, यह अधिकारी अन्य अश्लील संदेशों के प्रसार में भी शामिल रहे हैं।
पुलिस कम्प्यूटर सिस्टम के जरिए अनुचित ईमेल भेजने के मामले में तीन पुलिस अधीक्षकों से पूछताछ के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ। कई इंस्पेक्टर भी इस मामले में फंसे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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