'अयोध्या फैसले के बाद शांति की अपील'
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के 51 साल पुराने कानूनी विवाद पर 24 सितम्बर को आने वाले फैसले के मद्देनजर देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
अपील में कहा गया कि ऐसा व्यवहार करें जिससे भारतीय संस्कृति और सभी धर्मो के लिए आदर की सर्वोच्च परम्परा पूरी तरह कायम रहे। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में 24 सितम्बर को आने वाले उच्च न्यायालय के संभावित फैसले पर एक प्रस्ताव पारित कर देशवासियों से यह अपील की गई है।
उल्लेखनीय है कि 51 साल पुराने इस कानूनी विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों वाली विशेष खंडपीठ 24 सितम्बर को फैसला सुनाने वाली है। बैठक के बाद पर्यटन मंत्री अंबिका सोनी ने संवाददाताओं से कहा, "24 सितम्बर को फैसले के आने बाद लोग धैर्य और शांति बनाए रखें।"
उन्होंने कहा कि किसी भी वर्ग द्वारा किसी समुदाय विशेष को भड़काने की किसी भी तरह की कोशिश नहीं होनी चाहिए। इस पर किसी तरह की टिप्पणी से भी बचना चाहिए जिससे किसी की भावना को ठोस न पहुंचे। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में 24 सितम्बर को उच्च न्यायालय का फैसला आने की उम्मीद है।
यह फैसला एक लंबे समय की न्यायिक प्रक्रिया का परिणाम होगा। सोनी ने कहा कि यह कहने की जरूरत नहीं कि इस निर्णय को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। ठीक उसी समय, हमें इस बात को भी याद रखना जरूरी है कि यह निर्णय न्यायिक प्रक्रिया का एक कदम होगा। इस फैसले के साथ इस मुद्दे का तब तक निश्चति तौर पर अंत नहीं होगा, जब तक कि सभी पक्षों द्वारा इसे स्वीकार न कर लिया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि किसी भी पक्ष को यह महसूस होता है कि इसके लिए अभी और न्यायिक प्रक्रिया की जरूरत है तो वैधानिक हल उपलब्ध है और उनका सहारा लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सभी वर्गो के लोगों के लिए इस फैसले के बाद धैर्य और शांति कायम रखना जरूरी होगा। लोगों के किसी वर्ग के द्वारा दूसरे वर्ग को उकसाने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए अथवा ऐसी कोई बात नहीं की जानी चाहिए जो दूसरों की भावनाएं आहत करे।
उन्होंने कहा कि हम सबके लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि भारतीय संस्कृति और सभी धर्मो के लिए आदर की सर्वोच्च परम्परा पूरी तरह कायम रहे। भारत समेकित विकास के रास्ते पर दृढ़तापूर्वक चल रहा है। पूरे विश्व में इसकी मान्यता है। हमें ऐसा कुछ भी कहना और करना नहीं चाहिए और ऐसा कुछ भी नहीं होने देना चाहिए जो हमारे लक्ष्यों और हमारे उद्देश्यों से हमें विचलित करने का कारण बने।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा था कि अयोध्या फैसले पर उसकी प्रतिक्रिया 'लोकतांत्रिक' और 'कानून सम्मत' होगी।