कुरान जलाने के विरोधियों में शामिल हिलेरी क्लिंटन
वाशिंगटन। दुनिया ने 9/11 होने के बाद के इतने सालों में आतंकवाद को सिर्फ और सिर्फ इस्लाम धर्म के चश्मे से देखना सीखा और अमेरिका ने इस घटना के पैजामे में अफगानिस्तान, ईराक और पाकिस्तान को आतंकवाद का गढ़ साबित किया। आज की तारीख में इस्लाम धर्म और आतंकवाद एक-दूसरे के पर्याय मान लिए गए हैं। पूरी दुनिया की आबादी का बहुमत इस बात से सहमत है। इस बीच खबर मिली है कि फ्लोरिडा के एक गिरजाघर ने इस्लाम धर्म की प्रमुख पुस्तक कुरान को जलाने की योजना बनायी है।
शायद ये योजना 9/11 के आस-पास मस्जिद बनाए जाने की योजना का प्रतिउत्तर है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को पहले ही वहां की जनता मुस्लिम मानती है ये एक सर्वेक्षण में सामने आ चुका है। अब उनके द्वारा या उनकी सरकार के किसी मंत्री द्वारा इस बात की आलोचना नक्कारखाने में तूती की आवाज जितनी ही सुनी जा रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने विदंश मंत्रालय द्वारा आयोजित एक इफ्तार पार्टी में इस योजना को 'अपमानजनक और शर्मनाक बताया है।'
इससे पहले मंगलवार को अमेरिकी अधिकारियों की निंदा के बावजूद फ्लोरिडा के गैनेसविले स्थित डोव वर्ल्ड आउटरीच सेंटर के पादरी टेरी जोंस ने कहा कि वह कुरान को जलाने की योजना पर कायम है। अमेरिकी अधिकारियों और दुनिया भर के नेताओं को आशंका है कि इस कार्य से मध्य पूर्व में हिंसा की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउले ने इस फैसले को 'गैर अमेरिकी' करार दिया। उन्होंने कहा, "दुनिया के सभी महान धर्मो का आदर करने वाले अमेरिकी लोगों के बहुमत का प्रतिनिधित्व नहीं करने के कारण हर मायने में यह फैसला गैर अमेरिकी है।"
इससे पहले मंगलवार को धार्मिक नेताओं के एक बड़े समूह ने इस मुद्दे पर वाशिंगटन में अटार्नी जनरल एरिक होल्डर से मुलाकात की। मुस्लिम वकीलों के अध्यक्ष फरहान खान ने होल्डर से मुलाकात के तुरंत बाद कहा कि अटार्नी जनरल ने गैनिसविले में कुरान जलाने की योजना को 'मूर्खतापूर्ण और खतरनाक' करार दिया।
उलेलेखनीय है कि 9/11 की बरसी की तिथि नजदीक आते ही इस्लाम धर्म और उसके अनुयायियों पर शक का घेरा एक बार फिर और स्याह हो जाता है। अमेरिका के ट्रेड सेंटर में हुए उस आतंकी हमले को 9 साल हो रहे हैं। इस बीच विश्व ने अनेक नैतिक, अनैतिक, और कानून की आड़ में छिपाये गए अनेक आतंकी काम भी होते देखे लेकिन हर बार 9/11 की घटना को इन सब के बीच घटी सबसे बड़ी आतंकी घटना बताया गया।