कैबिनेट ने सांसदों के भत्ते में 10000 रुपये की वृद्धि की
नई दिल्ली। कैबिनेट ने सोमवार को सांसदों के भत्तों में 10000 रुपये की अतिरिक्त वृद्धि को मंजूरी दे दी। इसमें निर्वाचन क्षेत्र एवं कार्यालय भत्तों में पांच-पांच हजार रुपये की बढ़ोतरी शामिल है। बहरहाल मासिक वेतन में की गई तिगुनी वृद्धि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के वेतन वृद्धि के फैसले का विरोध कर रहे सांसदों से मिलने के दो दिन बाद यह फैसला किया गया है। इस फैसले पर संसद की सहमति अभी ली जानी बाकी है लेकिन सूत्रों के अनुसार मुखर्जी पहले ही सभी को भरोसे में ले चुके हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार को सांसद वेतन वृद्धि संबंधी विधेयक पर पुनर्विचार हुआ। इस विधेयक के प्रारूप को पिछले सप्ताह मंजूरी दी गई थी। इस विधेयक में सांसदों का वेतन तिगुना बढ़ाने की बात कही गई थी। इस प्रस्ताव का उन सदस्यों ने जमकर विरोध किया जो वेतन में पांच गुणा वृद्धि की मांग कर रहे थे।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने कर के दायरे में न आने वाले सांसदों के भत्तों मसलन निर्वाचन क्षेत्र एवं कार्यालय भत्तों में वृद्धि मंजूर की है। बहरहाल सांसदों के वेतन को 16,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 50,000 रुपये करने के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा। सांसदों को प्रतिमाह 20,000 रुपये संसदीय क्षेत्र भत्ता और 20,000 रुपये कार्यालय भत्ता मिलता है। इन भत्तों को शुक्रवार को दोगुना किया गया था और अब सरकार ने इनमें पांच-पांच हजार रुपये की अतिरिक्त वृद्धि करने का फैसला किया है।
संसद सदस्यों के वेतन और भत्ता कानून, 1954 में संशोधन के लिए विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। सांसदों की वेतन वृद्धि को वर्तमान लोकसभा की शुरुआत से लागू किया जाएगा। इस तरह सांसदों की वेतन वृद्धि मई 2009 से लागू होगी।